NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में NDA की ऐतिहासिक जीत ने इंडिया (INDIA) एलायंस को देशभर में चिंतित कर दिया है। खासकर महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में गठबंधन की आंतरिक चुनौतियां उजागर हो रही हैं।
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महाराष्ट्र में, महा विकास अघाड़ी (MVA) के अंदरमरुस्त सहयोगी दलों के बीच बिहार परिणाम को लेकर खींचतान बढ़ गई है। शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता अंबादास दानवे ने आरोप लगाया है कि बिहार में INDIA गठबंधन की हार की वजह उनके अंदरूनी मतभेद और सीट बँटवारे में देर होना है।
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वहीं, पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेता कुणाल घोष ने कांग्रेस पर लगातार हार के बाद नेतृत्व पुनःपरखने की बात कही है।
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NDA-नेता गिरिराज सिंह ने बिहार में जीत का इस्तेमाल राजनीतिक संदेश देने में भी किया है: उन्होंने कहा, “Bihar जीत लिया, अगला लक्ष्य बंगाल है।”
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भाजपा ने इस जीत को एक रणनीतिक झटका के रूप में देखा है और राजनीति के राष्ट्रीय स्तर पर INDIA गठबंधन के बिखरने की संभावनाओं को हवा देने का संकेत दिया है।
इस तरह, बिहार की राजनीति सिर्फ उसी राज्य तक सीमित नहीं रह गई है — नतीजे ने महासंघीय गठबंधन के संतुलन को हिला कर रख दिया है। INDIA एलायंस के अंदरूनी मतभेद अब महाराष्ट्र और बंगाल जैसे बड़े राज्यों में भी गहराते दिख रहे हैं, जिससे इसकी राष्ट्रीय रणनीति और प्रभाव क्षीण हो सकता है।
