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"गलवान से व्यापार समझौते तक: SCO समिट में मोदी-जिनपिंग मुलाक़ात में नए संकेत"

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नई दिल्ली—शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की 2025 की शिखर बैठक में, तियानजिन (चीन) में पीएम नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई द्विपक्षीय मुलाक़ात ने दोनों देशों के कूटनीतिक संबंधों में एक नया अध्याय शुरू किया।

1. पहला चीन दौरा गलवान के बाद

यह मोदी का गलवान संघर्ष (2020) के बाद पहला औपचारिक दौरा है। पिछले कुछ वर्षों तक चले तनाव के बाद यह मुलाक़ात सीमा विवादों को पार कर एक नए संवाद का संकेत है।

2. सीमा से व्यापार तक: बातचीत का दायरा

मुलाक़ात की मुख्य बातचीत सीमित नहीं रही—दोनों ने व्यापार, निवेश, कनेक्टिविटी और सीमा प्रबंधन मुद्दों पर भी चर्चा की। विशेष ध्यान ‘रेयर अर्थ्स’ जैसे उच्च तकनीकी उद्योगों में उपयोगी संसाधनों पर केंद्रित था।

3. द्विपक्षीय संबंधों में नरमी—फ्लाइट्स, वीजा, व्यापार

संबंधों को पुनर्जीवित करने के तहत, दोनों देशों ने सीधी उड़ानों को फिर से शुरू करने, चीन द्वारा भारतीय नागरिकों को वीजा जारी करने और कुछ रणनीतिक एक्सपोर्ट प्रतिबंधों को हटाने का फैसला किया।

4. ग्लोबल दक्षिण एकता और पश्चिमी दबाव

यह मुलाक़ात अमेरिका द्वारा लगाये गए ऊँचे टैरिफ (50%) और ऊर्जा संबंधी दबावों के बीच हुई — दोनों देश इस दबाव को साझा चुनौतियों के रूप में देख रहे हैं और एक दूसरे के साथ सहयोग बढ़ाना चाहते हैं।

5. 2.8 अरब लोगों का भविष्य जुड़ा: दोनों नेताओं का सन्देश

मोदी ने इस मुलाक़ात में यह दर्शाया कि भारत और चीन के 2.8 अरब लोगों के हित आपसी सहयोग से जुड़े हैं, जो कि SCO जैसी मल्टीलेट्रल फ्रेमवर्क में और भी अधिक स्पष्ट होता जा रहा है।

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