रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि भारतीय सशस्त्र बलों एवं रक्षा उद्योग को हर प्रकार की लड़ाई—चाहे वह छोटी संघर्ष हो या पाँच साल तक चलने वाले युद्ध—के लिए पूरी तैयारी रखनी चाहिए। उन्होंने यह बात आधुनिक युद्ध की बदलती प्रकृति और भविष्य में प्रौद्योगिकी आधारित चुनौती से निपटने की दिशा में कही।
तीनों सेवाओं की तैयारी: क्या कहना रहा संदेश?
— संयुक्त संचालन और रणनीतिक तैयारी
रक्षा मंत्री ने जोर देकर कहा कि आज किसी एक सेवा को अकेले युद्ध लडने की स्थिति से निपटना मुश्किल है। भविष्य के युद्ध मल्टी‑डोमेन होंगे—भूमि, समुद्र, हवा के साथ साइबर, अंतरिक्ष और संज्ञानात्मक क्षेत्र भी शामिल होंगे। इसी को देखते हुए मल्टी‑डोमेन ऑपरेशंस (MDO) के लिए एकीकृत संचालन और 10‑वर्षीय तकनीकी रोडमैप (TPCR) जारी होने की पहल की गई है, जिससे सेवाओं में ‘जॉइंटनेस’ को मजबूत किया जा सके।
— नौसेना का लक्ष्य: 2047 तक भविष्य‑तैयार
चेफ ऑफ़ नेवल स्टाफ एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने स्पष्ट किया कि नौसेना 2047 तक पूरी तरह ‘भविष्य‑तैयार’ बनना चाहती है। इसके लिए वह नवाचार, स्टार्टअप, MSME, और अकादमिक संस्थानों से सहयोग कर रही है। उन्होंने तकनीकी विस्फोट, स्वदेशी प्रणालियों, रोबोटिक्स और साइबर-आधारित सुधार को अहम बताया।
