काशी में “परिवार की तरह” भारत-मॉरीशस: नरेंद्र मोदी-नवीनचंद्र रामगुलाम की द्विपक्षीय वार्ता से बढ़ेगा आपसी विश्वास
मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम तीन दिवसीय दौरे पर वाराणसी पहुँचे, जहाँ उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ “दो देशों की साझेदारी सिर्फ कूटनीति नहीं, बल्कि आध्यात्मिक और सांस्कृतिक रिश्ता भी है” की भावना साझा की। यह दौरा भारत-मॉरीशस संबंधों को नई ऊँचाइयों तक ले जाने वाला माना जा रहा है।
एमर उजाला व अन्य समाचार स्रोतों के अनुसार, रामगुलाम का वाराणसी आगमन भव्य स्वागत के साथ हुआ। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और यूपी के मंत्री सुरेश खन्ना सहित कई गणमान्य हस्तियों ने एयरपोर्ट पर उनका अभिनंदन किया। स्वागत समारोह में पारंपरिक संगीत, नृत्य और शंखनाद के साथ गुलाब की पंखुड़ियाँ बिछाईं गईं। नागरिकों और छात्रों ने भारत और मॉरीशस के झंडों के साथ हाथ हिलाकर उनका उत्साहपूर्वक स्वागत किया।
वाराणसी की धरती पर यह विशेष है क्योंकि यह दिल्ली से बाहर पहली बार है जब मॉरीशस के प्रधानमंत्री के साथ द्विपक्षीय शिखर वार्ता वाराणसी में हो रही है। वार्ता होटल ताज में तय है, जिसमें आर्थिक, सांस्कृतिक, शैक्षिक एवं रणनीतिक सहयोग की विस्तृत समीक्षा होगी।
वार्ता के दौरान एक दृष्टिगत बदलाव यह हुआ कि मॉरीशस की ओर से डिएगो गार्सिया और चागोस द्वीप समूह के मुद्दे को उठाया गया। डॉ. रामगुलाम ने इन द्वीपों की संप्रभुता एवं मॉरीशस के अधिकारों की बात कही है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस पर कहा कि भारत हमेशा उपनिवेशवाद की बर्बरता के खिलाफ खड़ा रहा है और मॉरीशस की समग्र स्व-अधिकारिता (sovereignty) का समर्थन करता है।
वार्ता के बाद, मोदी ने कहा कि “भारत और मॉरीशस सिर्फ पार्टनर नहीं बल्कि एक परिवार हैं।” उन्होंने नेighbourhood First नीति एवं “MAHASAGAR” दृष्टिकोण का उल्लेख करते हुए बताया कि ये पहल भविष्य में दोनों देशों के बीच सहयोग के नए आयाम खोलेंगी।
दोनों देशों ने कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जिनमें स्थानीय मुद्रा में व्यापार बढ़ाने, स्वास्थ्य, शिक्षा, विज्ञान-प्रौद्योगिकी, नवीकरणीय ऊर्जा और डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को मज़बूत करने जैसे क्षेत्रों में सहयोग को आगे बढ़ाने की सहमति हुई है।
वाराणसी दौरे के दौरान रामगुलाम काशी के सांस्कृतिक एवं धार्मिक स्थलों का भी दौरा करेंगे। आज़ की शाम उन्हें गंगा आरती देखने का अवसर मिलेगा, वहीं अगले दिन उनका दर्शन कार्यक्रम काशी विश्वनाथ मंदिर में निर्धारित है।