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भारत-ओमान मुक्त व्यापार समझौता

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नई दिल्ली/मस्कट — भारत और ओमान ने व्यापक मुक्त व्यापार समझौता (FTA/CEPA) पर हस्ताक्षर करने के लिए अंतिम तैयारियाँ तेज़ कर दी हैं, जिससे दोनों देशों के आर्थिक और व्यापारिक रिश्तों को नई ऊँचाई मिल सकती है। यह समझौता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओमान यात्रा के दौरान मुख्य रूप से औपचारिक रूप से साइन किया जाएगा और इसे दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश तथा आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने वाला एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।

भारत-ओमान मुक्त व्यापार समझौता विशेष रूप से भारत के निर्यातकों के लिए बड़े अवसर खोलेगा, क्योंकि इस समझौते के तहत भारत के लगभग 98 प्रतिशत निर्यात वस्तुएँ ओमान में आयात शुल्क-रहित (duty-free) पहुंचेंगी। इससे भारतीय कपड़ा, कृषि, चमड़ा, टेक्सटाइल, ऑटोमोबाइल, रेन्यूएबल एनर्जी, जेम्स एवं ज्वेलरी जैसे प्रमुख क्षेत्रों को बड़ा लाभ मिलने की उम्मीद है।

वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मस्कट में आयोजित भारत-ओमान बिजनेस फोरम को संबोधित करते हुए बताया कि यह समझौता भारत के औद्योगिक निर्यात को बढ़ावा देगा, जिससे नई बाजारों तक भारतीय उत्पादों की पहुँच और प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता में वृद्धि होगी। उन्होंने यह भी कहा कि यह FTA ग्लोबल सप्लाई चेन में भारत की भागीदारी को और मजबूती प्रदान करेगा।

दोनों देशों के बीच 70 वर्ष से अधिक पुराने राजनयिक संबंध को ध्यान में रखते हुए यह समझौता एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदारी का प्रतीक माना जा रहा है। व्यापार आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में द्विपक्षीय व्यापार लगभग 10.613 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जो पिछले साल की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि है। इसके बावजूद व्यापार संतुलन ओमान के पक्ष में रहा, जहाँ भारत का निर्यात बढ़ने के बजाय कुछ गिरावट देखी गई, जबकि ओमान से भारत में आयात बढ़ा है।

FTA की मुख्य विशेषताओं में बाजार पहुँच का विस्तार, सेवाओं के क्षेत्र में उदारीकरण और निवेश को प्रोत्साहन देना शामिल है, जिससे दोनों देशों के व्यवसायों के लिए निवेश और साझेदारी के नए अवसर खुलेंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि यह समझौता रोजगार सृजन, तकनीकी सहयोग और दोनों देशों के बीच आर्थिक एकीकरण को भी आगे बढ़ाएगा।

ओमान की भौगोलिक स्थिति और समुद्री मार्गों के निकटता के कारण यह FTA भारत के लिए खाड़ी क्षेत्र, पूर्वी यूरोप, मध्य एशिया और अफ्रीका तक अपने उत्पादों और सेवाओं का विस्तार करने में भी मदद करेगा, जिससे यह समझौता केवल द्विपक्षीय व्यापार तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि व्यापक क्षेत्रीय बाजार में भारत की पहुँच मजबूत करेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओमान यात्रा के दौरान कई अन्य समझौतों और आर्थिक संवादों की भी उम्मीद जताई जा रही है, जिनका उद्देश्य दोनों देशों के व्यापार, निवेश, ऊर्जा, तकनीक और सेवाओं के क्षेत्रों में परिणाममुखी सहयोग स्थापित करना है। यह समझौता भारत की वैश्विक व्यापार विस्तार रणनीति का हिस्सा है, जिसमें वह दुनिया भर के साथ मुक्त व्यापार समझौतों के माध्यम से निर्यात, रोजगार और आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहित कर रहा है।

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