देश में लौटे Vladimir Putin के दो दिवसीय राज्यीय दौरे को लेकर राजनीति में प्रतिक्रियाओं का सिलसिला जारी है, और Indian National Congress के वरिष्ठ सांसद और पूर्व राजनयिक Shashi Tharoor ने इस दौरे को “भारत की स्वायत्तता और विदेशी नीति में स्वतंत्रता” के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत बताया है।
थरूर ने कहा कि वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में, जहाँ कई देशों के बीच रिश्ते अस्थिर हैं, ऐसे में रूस जैसे पुराने, भरोसेमंद साझेदार के साथ अपने रिश्तों को संजोना बहुत ज़रूरी है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत किसी अन्य देश के हितों के लिए अपनी स्वायत्तता को गिरवी नहीं रखेगा — बल्कि वह अपनी विदेश नीति स्वतंत्र रूप से तय करेगा।
उनका कहना था कि रूस के साथ पारंपरिक रक्षा और ऊर्जा क्षेत्र के सहयोग — विशेष रूप से हाल के वर्षों में आयातित रक्षा उपकरण जैसे कि एस-400 — यह दिखाते हैं कि भारत-रूस साझेदारी सिर्फ रणनीतिक नहीं, बल्कि भरोसेमंद और स्थायी है।
थरूर ने आगे यह भी कहा कि इस दौरे के दौरान यदि नए समझौते होते हैं — चाहे रक्षा, ऊर्जा या अन्य क्षेत्रों में — तो यह भारत की रणनीतिक इम्पोर्टेंस व् विदेश नीति की आजाद दिशा के संकेत होंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि रूस के साथ हमारी करीबी अन्य विदेशी रिश्तों, जैसे अमेरिका या चीन, को प्रभावित नहीं करती; भारत का विदेश नीति में चुनाव पूरी तरह अपनी “स्वायत्तता” के आधार पर होता है।
इस प्रकार, थरूर की प्रतिक्रिया यह संदेश देती है कि साँझे हित, सुरक्षा और ऊर्जा-आपूर्ति की चुनौतियों के बीच भारत की प्राथमिकता अपने स्वतंत्र विकल्प बनाए रखने की है, और पुतिन का दौरा, इस दृष्टिकोण को सार्वजनिक रूप से रेखांकित करने का एक अवसर है।
