
ट्रंप-भारत रिश्तों में दरार: टैरिफ के बाद क्वाड समिट दौरा भी रद्द
1. रिश्तों में आई ख़टास
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अब 2025 के अंत में होने वाले क्वाड समिट के लिए भारत आने का कोई इरादा नहीं रखते। नवंबर में दिल्ली में आयोजित इस बैठक में शामिल होने का जो वादा उन्होंने नरेंद्र मोदी को किया था, वह अब पूरी तरह टूट गया लगता है।
2. 17 जून की उस विवादित कॉल की वजह से सब बिगड़ा
यह ख़टास उस समय शुरू हुई जब 17 जून को हुई एक फोन कॉल के दौरान ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष को शांत कराने का दावा किया—जो मोदी की ओर से सिरे से खारिज कर दिया गया। साथ ही, ट्रंप की नोबेल शांति पुरस्कार की उम्मीद में मोदी ने भी समर्थन नहीं दिया। ख़त्म हुई संवादहीनता दोनों नेताओं के बीच रिश्तों में ठंडापन ला गई।
3. 50% तक पहुंची कड़े टैरिफ
अमेरिका ने अब भारत से आयातित अधिकांश वस्तुओं पर 50 प्रतिशत तक टैरिफ लगा दिया—जिनमें कपड़ा, आभूषण, समुद्री खाद्य सामग्री आदि प्रमुख हैं। यह निर्णय ज़्यादा संकीर्ण व्यापारवादी नहीं, बल्कि इसे एक राजनीतिक बयान के रूप में लिया जा रहा है—खासतौर पर रूस से भारत की तेल खरीद के चलते।
4. व्यापार बातचीत बंद और संवाद टूटे
अमेरिका ने अगस्त में न्यू दिल्ली में होने वाली व्यापार वार्ता को रद्द कर दिया, जबकि भारत की कृषि और डेयरी बाज़ार खुलने पर किए गए अनुरोध भी ठुकराए गए। इस सबने स्नात को और मजबूत किया और रणनीतिक गठबंधन जैसे क्वाड की नींव पर भी सवालिया निशान लगा दिया।
5. विश्व मंच पर बढ़ी चिंताएँ
पूर्व ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री टोनी एबॉट जैसे विशेषज्ञ यह चेतावनी दे रहे हैं कि ट्रंप के भारत विरोधी रुख से क्वाड की एकता संकट में पड़ सकती है—जिसका लाभ चीन उठा सकता है।
Financial Times समेत कई स्रोतों का मानना है कि यह द्विपक्षीय रिश्ते में सबसे गहरी दरार हो सकती है, जिसका असर भारत की Indo-Pacific रणनीति पर भी पड़ेगा।



