जर्मनी में भारतीय सांसदों के प्रतिनिधिमंडल को आतंकवाद पर मिला कड़ा संदेश और समर्थन

भारत ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आतंकवाद के खिलाफ अपनी ‘शून्य सहिष्णुता नीति’ को मजबूती से रखने का निर्णय लिया है। इसी क्रम में भारत सरकार ने एक सर्वदलीय सांसद प्रतिनिधिमंडल को विभिन्न देशों में भेजने की योजना बनाई है। इस योजना के तहत पहला प्रतिनिधिमंडल जर्मनी की राजधानी बर्लिन पहुंचा, जहां उन्हें जर्मन सरकार की ओर से एक सशक्त और स्पष्ट संदेश मिला।
प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई भाजपा सांसद डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने की, और उनके साथ कांग्रेस, टीएमसी, डीएमके, बीजेडी जैसे प्रमुख दलों के सांसद शामिल थे। जर्मनी में इस प्रतिनिधिमंडल ने जर्मन संसद (Bundestag) के वरिष्ठ सदस्य और विदेश नीति मामलों के प्रमुख जोहान वेडफुल (Johann Wadephul) से मुलाकात की।
इस मुलाकात में जर्मन मंत्री ने भारत के साथ एकजुटता दर्शाते हुए आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में समर्थन देने का वादा किया। उन्होंने पहलगाम में अमरनाथ यात्रियों पर हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की और भारत के “zero tolerance” नीति की सराहना की। जोहान वेडफुल ने कहा कि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश को आतंकवाद के विरुद्ध अपनी सुरक्षा नीतियों पर मजबूती से कायम रहना चाहिए और जर्मनी इसके लिए हर मंच पर भारत का समर्थन करेगा।
सांसदों ने इस दौरान जर्मनी के साथ रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने, रक्षा, तकनीक, और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की दिशा में बातचीत की।
इसके साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया कि भारत आतंकवाद को सिर्फ क्षेत्रीय नहीं बल्कि वैश्विक खतरा मानता है, और इसकी समाप्ति के लिए दुनिया को एकजुट होना होगा।
🔎 यह प्रतिनिधिमंडल भारत की एक व्यापक कूटनीतिक पहल का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह दिखाना है कि भारत आतंकवाद को किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं करेगा और उसके खिलाफ पूरी दुनिया को मिलकर कार्रवाई करनी चाहिए।
📌 भारत सरकार द्वारा भेजे गए प्रतिनिधिमंडल का मुख्य उद्देश्य:
- वैश्विक मंचों पर भारत की ‘zero tolerance’ नीति को प्रस्तुत करना
- आतंकवाद के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाना
- भारत-जर्मनी रणनीतिक संबंधों को और मजबूती देना
- लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति दोनों देशों की प्रतिबद्धता को दोहराना