
भारतीय वायुसेना द्वारा हाल ही में किए गए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की एयर डिफेंस प्रणाली पूरी तरह नाकाम रही। पाकिस्तान ने इस ऑपरेशन में चीन और तुर्की से लिए गए आधुनिक हथियारों और मिसाइल सिस्टम का इस्तेमाल किया था, लेकिन भारतीय स्वदेशी तकनीक ने उन्हें बेअसर कर दिया।
फिक्की (FICCI) के एक कार्यक्रम में लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह ने बताया कि पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर में चीन निर्मित PL-15 मिसाइल, HQ-9 और LY-80 जैसे एयर डिफेंस सिस्टम तैनात किए थे। इसके साथ-साथ तुर्की के ड्रोन सिस्टम भी इस्तेमाल किए गए। हालांकि भारतीय सेना की इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर और एयर डिफेंस यूनिट्स ने सभी हथियारों को इंटरसेप्ट या नष्ट कर दिया।
भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम में शामिल स्वदेशी मिसाइल और हथियार जैसे आकाश मिसाइल, क्यूआरएसएएम, नागस्त्र-1, डी4 एंटी-ड्रोन सिस्टम और ब्रह्मोस क्रूज़ मिसाइल ने अहम भूमिका निभाई। इसके अलावा, भारतीय सेना ने तुर्की के Bayraktar जैसे ड्रोनों को भी सफलतापूर्वक गिराया।
जनरल सिंह के अनुसार, पाकिस्तान ने अपने एयरबेस और रडार स्टेशनों की रक्षा के लिए जो तैयारी की थी, वह ऑपरेशन की तीव्रता और रणनीतिकता के सामने टिक नहीं सकी। भारतीय वायुसेना ने 23 मिनट में कई महत्वपूर्ण ठिकानों को सफलतापूर्वक निशाना बनाया, जिनमें नूर खान एयरबेस, रहिमयार खान और बहावलपुर शामिल थे।
डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) के प्रमुख डॉ. समीर कामत ने भी यह कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने आत्मनिर्भर भारत की रक्षा क्षमताओं को साबित किया है। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन में इस्तेमाल किए गए 90 प्रतिशत सिस्टम स्वदेशी थे और उन्होंने चीन और तुर्की की अत्याधुनिक तकनीक को भी मात दे दी।
सैन्य विशेषज्ञों का मानना है कि यह ऑपरेशन भारत के लिए न केवल सामरिक सफलता है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि भारतीय रक्षा प्रणाली अब पूरी तरह से आत्मनिर्भर और आधुनिक है।