
समाचार:
भारत और अमेरिका के बीच लंबे समय से चल रही व्यापार वार्ताओं ने आखिरकार बड़ी सफलता हासिल कर ली है। दोनों देशों के बीच एक “मिनी ट्रेड डील” (अंतरिम व्यापार समझौता) को अंतिम रूप दे दिया गया है। यह समझौता कई महीनों की कठिन और जटिल बातचीत के बाद संभव हो पाया है।
जानकारी के मुताबिक, इस समझौते में भारत और अमेरिका ने एक-दूसरे के कुछ उत्पादों पर आयात शुल्क में कमी करने पर सहमति जताई है। इससे दोनों देशों के व्यापार को बढ़ावा मिलेगा और व्यापारिक तनाव में कमी आएगी।
मुख्य बिंदु:
- कठिन वार्ता के बाद सहमति: दोनों देशों के बीच कृषि, डेयरी और औद्योगिक उत्पादों पर शुल्क घटाने और बाजार पहुंच बढ़ाने को लेकर गहन बातचीत हुई।
- अंतरिम समझौता: यह कोई व्यापक मुक्त व्यापार समझौता नहीं है, बल्कि एक आंशिक या “मिनी डील” है, जिसमें कुछ चुनिंदा उत्पादों पर रियायतें दी गई हैं।
- कृषि क्षेत्र पर भारत की शर्तें: भारत ने साफ कहा कि वह अपने कृषि और डेयरी क्षेत्र को विदेशी कंपनियों के लिए पूरी तरह नहीं खोलेगा। इन क्षेत्रों को लेकर भारत ने ‘लाल रेखा’ खींच दी थी, यानी कोई समझौता नहीं किया।
- आगे की योजना: दोनों देश इस आंशिक समझौते के बाद भी बातचीत जारी रखेंगे। अगस्त तक एक बड़ा और व्यापक व्यापार समझौता करने की कोशिश होगी।
इस समझौते से फायदा:
- भारत से अमेरिका को निर्यात होने वाले कुछ उत्पादों पर लगने वाला ऊंचा आयात शुल्क घटेगा, जिससे भारतीय निर्यातकों को राहत मिलेगी।
- अमेरिका से आने वाले कुछ औद्योगिक उत्पादों और तकनीकी सामान पर भारत में भी शुल्क कम होगा, जिससे यहां के उद्योगों को सस्ता कच्चा माल और तकनीक मिल सकेगी।
- दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्तों में भरोसा बढ़ेगा और निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
सरकारी प्रतिक्रिया:
भारत और अमेरिका दोनों ने इसे द्विपक्षीय व्यापार को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम बताया है। भारतीय अधिकारियों का कहना है कि यह समझौता हमारे किसानों और उद्योगों के हितों को सुरक्षित रखते हुए किया गया है।