
📌 मुख्य बातें:
- भारत ने अमेरिका से उन 10% बेसलाइन टैरिफ और 26% अतिरिक्त शुल्क से पूर्ण छूट की मांग की है, जिन्हें ट्रंप प्रशासन द्वारा लागू किया गया है।
- यह मांग पीएम मोदी और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की अगुवाई में की जा रही व्यापार वार्ता का हिस्सा है।
- भारत का फोकस विशेष रूप से कपड़ा, जूते, गहने और कृषि उत्पादों पर है, जिन पर इन टैरिफ का सीधा असर पड़ता है।
🤝 भारत का प्रस्ताव:
- अमेरिका को सुझाव दिया गया है कि यदि वे कृषि और डेयरी जैसे संवेदनशील सेक्टर में टैक्स छूट नहीं दे सकते, तो कोटा सिस्टम या न्यूनतम आयात मूल्य जैसी वैकल्पिक व्यवस्थाएँ की जाएं।
- भारत इस व्यापारिक समझौते को जुलाई 2025 से पहले पूरा करना चाहता है ताकि दोनों देशों के बीच व्यापार को नई दिशा मिल सके।
🇮🇳🔁🇺🇸 भारत-अमेरिका व्यापारिक संबंधों की स्थिति:
- 2024 में भारत-अमेरिका के बीच कुल व्यापार $129 बिलियन रहा।
- इसमें भारत का व्यापार अधिशेष $45-46 बिलियन रहा है।
- लक्ष्य: वर्ष 2030 तक इसे $500 बिलियन तक पहुँचाना।
⚖️ संभावित असर:
- यदि भारत को टैरिफ छूट मिलती है, तो इससे भारतीय निर्यातकों को बड़ा फायदा मिलेगा और नौकरी के अवसर भी बढ़ेंगे।
- साथ ही, इससे भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक साझेदारी और मज़बूत होगी।