
भारतीय नौसेना के इतिहास में एक नई उपलब्धि दर्ज हुई है, जब सब-लेफ्टिनेंट आस्था punia बनीं नौसेना की पहली महिला फाइटर (लड़ाकू) पायलट। इस ऐतिहासिक सफलता को INS राजली, अरक्कोनम में आयोजित पासिंग‑आउट परेड के दौरान घोषित किया गया। इस मौके पर उन्हें “गोल्डन विंग्स” सम्मान से नवाजा गया ।
प्रशिक्षण और उपलब्धियां
- उन्हें भारतीय नौसेना की इंडियन नेवल एयर स्क्वाड्रन 561 में 22 सप्ताह के कड़े प्रशिक्षण कोर्स को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद यह मान्यता दी गई ।
- इस प्रशिक्षण में उड़ान और ग्राउंड ट्रेनिंग दोनों शामिल थीं, जिसमें Sea King, ALH Dhruv, Chetak और MH‑60R Seahawk जैसे हेलिकॉप्टरों की उड़ान‑प्रशिक्षण भी शामिल था ।
नौसेना की लैंगिक समानता की ओर कदम
- यह कदम नौसेना की उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिसमें वह महिलाएं-अधिकारिता और करियर के अवसरों में निष्पक्षता सुनिश्चित करना चाहती है ।
- इससे पहले नौसेना में महिलाएं केवल अव्ज़र्वर या गैर‑फाइटर रोल में सेवा दे पाती थीं; अब लड़ाकू पायलट की भूमिका महिलाओं के लिए खुली हुई है ।
पृष्ठभूमि और प्रेरणा
- 2018 में एवानी चतुर्वेदी ने भारतीय वायु सेना में पहला महिला फाइटर पायलट बनने का गौरव प्राप्त किया, जब उन्होंने MiG‑21 Bison उड़ाया।
- नौसेना में Aastha Punia की यह उपलब्धि महिलाओं को सैन्य उड़ान‑भूमि में समान अधिकार के लिए प्रेरित करेगी।
आगे की उड़ान
- अब Aastha Punia इन हेलिकॉप्टरों के साथ समुद्री टोही, खोज और बचाव, निगरानी और समुद्री सुरक्षा अभियानों में भाग लेंगी।
- INS राजली से “गोल्डन विंग्स” मिलने के बाद उन्हें फ्रंटलाइन ऑपरेशनल यूनिट में तैनाती की उम्मीद है।