भारत की नौसेना अपनी मारक क्षमता को अगले पांच वर्षों में आश्चर्यजनक रूप से बढ़ाने की दिशा में है। 26 अगस्त 2025 तक वर्किंग प्लान के अनुसार, नौसेना 2030 तक सभी युद्धपोतों को ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल से लैस कर देगी, जिससे एक साथ 300 से अधिक ब्रह्मोस मिसाइलों की फायरिंग संभव हो पाएगी।
वर्तमान में, नौसेना के बेड़े में दो नए स्टील्थ फ्रिगेट शामिल किए गए हैं — INS उदयगिरी और INS हिमगिरी — जिनमें प्रत्येक में आठ वर्टिकल-लॉन्च ब्रह्मोस मिसाइलर लगे हैं। इस प्रकार, मौजूदा समय में कुल 14 गाइडेड मिसाइल स्टील्थ फ्रिगेट सेवा में हैं। पहले से ही तलवार-क्लास के छह युद्धपोतों में चार ब्रह्मोस से लैस हैं, जबकि बाकी दो पर अपग्रेड की प्रक्रिया चल रही है; रूस-भारत 2016 के समझौते के तहत चार अतिरिक्त तलवार-क्लास फ्रिगेट का निर्माण हो रहा है, जिनमें से दो रूस में (INS तुषिल और INS तमाल) और दो भारत में बनाए जा रहे हैं।
इसके अलावा, नौसेना के बेड़े में 13 विध्वंसक (डेस्ट्रॉयर) शामिल होंगे, नए जहाजों में प्रत्येक में 16 ब्रह्मोस लॉन्चर होंगे जबकि पुराने में आठ हैं। इनमे विशाखापत्तनम-क्लास, कोलकाता-क्लास, दिल्ली-क्लास और राजपूत-क्लास शामिल हैं।
समग्र रूप से, इस विस्तार से भारतीय नौसेना इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में एक मजबूत सामरिक शक्ति बनकर उभरेगी। यह वृद्धि समुद्री रक्षा और क्षेत्रीय संतुलन दोनों के लिए महत्वपूर्ण कदम है।