
संसद में गरमाया ऑपरेशन सिंदूर मुद्दा, जयशंकर के बयान पर विपक्ष ने किया हंगामा
लोकसभा में सोमवार को ऑपरेशन सिंदूर को लेकर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बयान दिया। उन्होंने बताया कि भारत ने पीहलगाम हमले के बाद आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की और अंतरराष्ट्रीय समुदाय का भी उसे भरपूर समर्थन मिला। जयशंकर के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र के 190 सदस्य देशों में से सिर्फ 3 देशों ने भारत की कार्रवाई पर आपत्ति जताई, जिससे स्पष्ट होता है कि दुनिया भारत के साथ है।
जयशंकर ने यह भी स्पष्ट किया कि 22 अप्रैल से 17 जून के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच कोई फोन कॉल नहीं हुआ। यह बयान कांग्रेस नेता राहुल गांधी के उस दावे के जवाब में आया जिसमें उन्होंने ट्रंप के हवाले से ‘भारत ने आत्मसमर्पण कर दिया’ जैसा आरोप लगाया था।
जयशंकर के बयान के दौरान विपक्षी सांसद बार-बार टोकाटाकी कर रहे थे। इस पर गृह मंत्री अमित शाह ने हस्तक्षेप करते हुए विपक्ष को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, “क्या आपको अपने देश के विदेश मंत्री की बात पर भरोसा नहीं है? क्या आप विदेशी बयानों को ज्यादा सच मानते हैं?” उन्होंने यह भी तंज कसा कि “आप अगले 20 साल तक वहीं बैठे रहेंगे।”
जयशंकर ने यह भी बताया कि सरकार ने 23 अप्रैल को कैबिनेट की सुरक्षा समिति की बैठक में कड़े फैसले लिए, जैसे सिंधु जल संधि का निलंबन, अटारी बॉर्डर सील करना और पाकिस्तानी संपर्क सूत्रों को निष्कासित करना।
यह पूरा घटनाक्रम बताता है कि भारत सरकार आतंकवाद के खिलाफ न केवल कड़ा रुख अपना रही है बल्कि वैश्विक मंचों पर भी अपनी स्थिति मजबूत कर रही है।



