
हरियाणा में एक संवेगक मामला सामने आया है, जिसमें वरिष्ठ IPS अधिकारी वाई पूरन कुमार की ज़िंदगी-क्षति (आत्महत्या) के बाद उनकी पत्नी आईएएस अमनीत पी. कुमार ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को एक गहन प्रमाणों वाला पत्र लिखकर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। अमनीत का दावा है कि उनके पति ने एक 8 पन्नों का सुसाइड नोट और औपचारिक शिकायत छोड़ दी थी, जिसमें कुछ उच्च अधिकारी—कुछ शक्तिशाली—के नाम थे। लेकिन, चिंताजनक बात यह है कि उन नामों की भूमिका के बावजूद, किसी प्रकार की FIR (आपराधिक मामला दर्ज) नहीं की गई। उनका मानना है कि आरोपी अधिकारी अब तक ऐसी स्थिति में हैं कि वे जांच को प्रभावित कर सकते हैं और इस कारण पुलिस कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं कर पा रही है।
पत्र में अमनीत ने कहा है कि उन अधिकारियों को, जिनका नाम सुसाइड नोट में है, अभी तक किसी भी तरह की जांच का सामना नहीं करना पड़ा। वे आरोप लगाती हैं कि “शक्तिशाली अफसर जांच को प्रभावित कर रहे हैं” — इसी वजह से पुलिस कोई ठोस कदम नहीं उठा रही। अमनीत ने मुख्यमंत्री से यह मांग की है कि आत्महत्या के लिए जिम्मेदार ठहराए जाने वाले अधिकारी तुरंत FIR दर्ज करें, उन्हें निलंबित करें, और उनके परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करें। यदि ऐसा न किया गया तो आरोपी सबूतों में फेरबदल कर सकते हैं या मामले को दबा सकते हैं।
अमनीत ने यह भी दावा किया है कि इस पूरे मामले की जड़ में जातिगत भेदभाव और बदनामी की साजिश भी है। उन्होंने बताया कि उनके पति को 2023 से ही डर था कि उन पर झूठे मामले लगाए जाएंगे, और ऐसे प्रयास पहले से रहे हैं। उन्होंने पहले भी चंडीगढ़ पुलिस के SHO को पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने हरियाणा के DGP शत्रुजीत सिंह कपूर व अन्य अधिकारियों का नाम लिया था। इस पत्र में आरोप है कि ये अधिकारी उनकी शिकायतों को दबाते रहे और न्याय सुनिश्चित नहीं किया गया।
हालांकि, इस मामले पर पुलिस की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन कमजोर पहलू यह है कि यदि सुसाइड नोट और शिकायतें मौजूद हैं, तो कार्रवाई की देरी और FIR न दर्ज होना कई प्रश्न खड़े करता है — क्या प्रशासन या पुलिस प्रभावित हो रही है? क्या जांच निष्पक्ष रूप से हो पाएगी? इस विवाद ने जांच की पारदर्शिता, अधिकारों की रक्षा, और शक्तिशाली लोगों द्वारा प्रभावित करने की संभावना को असमर्थ कर दिया है। जनता की नज़रें अब इस पर टिकी हैं कि मुख्यमंत्री सैनी और हरियाणा पुलिस विभाग इस गंभीर आरोप पर क्या कदम उठाते हैं।