Site icon Prsd News

ईरान ने 2-3 दिन पहले चेतावनी मिलने के बावजूद इजरायली हमले को क्यों नहीं रोक पाया?

1719120079 6206

🔥 पृष्ठभूमि

13 जून 2025 को इजरायल ने “ऑपरेशन राइजिंग लॉयन” के तहत ईरान पर बड़ा सैन्य हमला किया, जिसमें नटांज (Natanz) परमाणु केंद्र समेत कई अहम सैन्य और वैज्ञानिक ठिकाने तबाह कर दिए गए। इस हमले में ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के प्रमुख हुसैन सलामी, सैन्य प्रमुख मोहम्मद हुसैन बघेरी और दो प्रमुख परमाणु वैज्ञानिक मारे गए।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईरान को इस हमले की 2 से 3 दिन पहले से खुफिया चेतावनी मिल गई थी। फिर भी वह इस हमले को रोकने या प्रभावी जवाब देने में असफल रहा। आइए समझते हैं कि ऐसा क्यों हुआ।


⚠️ 1. एयर डिफेंस सिस्टम की कमजोरी

ईरान के पास रूस से प्राप्त S-300 और स्वदेशी Bavar-373 जैसे आधुनिक वायु रक्षा सिस्टम हैं, लेकिन:


🧠 2. साइबर युद्ध का इस्तेमाल

इजरायल की साइबर इंटेलिजेंस इकाइयों (जैसे यूनिट 8200) ने ईरान की कम्युनिकेशन और रडार प्रणाली पर साइबर हमला किया। इससे:


🧯 3. इंटरनल मिसमैनेजमेंट और राजनीति

ईरान की सेना, रिवोल्यूशनरी गार्ड्स (IRGC), और राजनीतिक नेतृत्व के बीच समन्वय की कमी ने हालात बिगाड़े:


🕵️ 4. इजरायल की रणनीतिक चालाकी

इजरायल ने इस हमले की योजना बहुत ही गोपनीय तरीके से बनाई:


🌍 5. भू-राजनीतिक अकेलापन

ईरान को इस समय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ज्यादा समर्थन नहीं मिला:


🤔 अब आगे क्या?

Exit mobile version