
तेहरान, 25 जून 2025 — ईरान ने इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद (Mossad) के लिए जासूसी करने के आरोप में तीन लोगों को फांसी दे दी है। इसके साथ ही, ईरान के सुरक्षा तंत्र ने बड़ी कार्रवाई करते हुए करीब 700 संदिग्ध मोसाद एजेंटों को गिरफ्तार करने का दावा किया है। यह घटनाक्रम ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते खुफिया तनाव और संघर्ष को दर्शाता है।
ईरानी न्यायपालिका के मुताबिक, जिन तीन लोगों को मृत्युदंड दिया गया, वे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी गुप्त जानकारी इजरायली एजेंसी को लीक कर रहे थे। गिरफ्तार किए गए लोगों पर भी देशद्रोह, आतंक फैलाने और विदेशी एजेंसी के लिए काम करने जैसे गंभीर आरोप हैं।
फांसी पाए आरोपियों में कौन शामिल हैं?
- पेदराम मदानी (Pedram Madani) – 41 वर्षीय यह व्यक्ति कथित तौर पर मोसाद के संपर्क में था और उसने ईरान की संवेदनशील जानकारियां क्रिप्टो करेंसी के बदले दीं।
- मोहसिन लंगरनेशिन (Mohsen Langarneshin) – अप्रैल 2025 में गिरफ्तार हुआ था और उस पर दो वर्षों तक मोसाद के लिए लॉजिस्टिक व तकनीकी सहायता देने का आरोप था।
- तीसरे आरोपी का नाम सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन ईरानी मीडिया के अनुसार, उसकी भूमिका भी अन्य दो की तरह ही थी।
सुरक्षा एजेंसियों की कार्रवाई
ईरान की इंटेलिजेंस एजेंसी ने दावा किया है कि उसने देशभर में छापेमारी करके 700 से ज्यादा संदिग्ध मोसाद एजेंट्स को गिरफ्तार किया है। इनमें से कई एजेंट कथित तौर पर अंडरकवर मिशन पर थे और देश की सामरिक एवं सैन्य जानकारियों तक पहुंच बना चुके थे।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा
ईरान की इस कड़ी कार्रवाई के बाद पश्चिमी देशों और मानवाधिकार संगठनों की प्रतिक्रिया का इंतज़ार किया जा रहा है। इस घटनाक्रम से मध्य पूर्व में पहले से ही तनावपूर्ण रिश्तों में और तल्खी आने की आशंका जताई जा रही है।