
फिलिस्तीन की स्वतंत्रता पर फ्रांस के बाद अब कनाडा और माल्टा भी इज़राइल के खिलाफ
फिलिस्तीन को लेकर अंतरराष्ट्रीय राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। फ्रांस के बाद अब कनाडा और माल्टा ने भी खुलकर फिलिस्तीन की स्वतंत्रता का समर्थन किया है और इज़राइल की नीतियों के खिलाफ आवाज उठाई है।
कनाडा और माल्टा ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक मंचों पर यह स्पष्ट किया कि वे एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी राष्ट्र के पक्ष में हैं। दोनों देशों ने कहा कि दो-राज्य समाधान ही क्षेत्र में स्थायी शांति का एकमात्र रास्ता है।
इससे पहले फ्रांस ने भी फिलिस्तीन को स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता देने का संकेत दिया था, जिसे इज़राइल ने सख्ती से खारिज कर दिया था। अब कनाडा और माल्टा का इस दिशा में कदम बढ़ाना इज़राइल पर कूटनीतिक दबाव बढ़ा सकता है।
कनाडा के विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि फिलिस्तीन को एक संप्रभु राष्ट्र का दर्जा दिया जाना चाहिए और इज़राइल को उसकी जमीन से हटना चाहिए। वहीं, माल्टा ने भी कहा कि फिलिस्तीनियों को आत्मनिर्णय का अधिकार मिलना चाहिए।
इन देशों के रुख से यह साफ है कि पश्चिमी दुनिया में भी अब फिलिस्तीन के समर्थन में आवाजें तेज हो रही हैं। इससे मध्य पूर्व में इज़राइल-फिलिस्तीन संघर्ष पर वैश्विक नजरिया बदल सकता है।