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इस्रायल का ‘आयरन डोम’ नाकाफी साबित: हमास की सामूहिक रॉकेट रणनीतियों और सैचुरेशन हमले ने सुरक्षा प्रणाली की कमज़ोरियां उजागर कीं

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इस्रायल के आयरन डोम (Iron Dome) मिसाइल रक्षा प्रणाली को हाल ही में हुए हमास के सैचुरेशन हमले के दौरान कई सीमाओं का सामना करना पड़ा। केवल 20 मिनट में 5,000 रॉकेट एकत्रित रूप से दागे गए, जिससे रडार और कमांड सिस्टम पर जबरदस्त दबाव बना और कई लक्ष्यों का ट्रैक करना मुश्किल हो गया । विशेषज्ञों के अनुसार आयरन डोम में एक अज्ञात ‘सैचुरेशन प्वाइंट’ होता है और यह अधिकतम एक समय में सीमित संख्या में ही लक्ष्यों को एक्सचेंज कर सकता है ।

इस हमले से यह भी स्पष्ट हुआ कि आयरन डोम बहुत ही कम दूरी पर दागे गए रॉकेट्स (5‑7 किमी के अंदर) को फिलहाल ठीक तरह से इंटरसेप्ट नहीं कर सकता । इसके अलावा हमास ने मिसाइलों की रेंज और सटीकता में सुधार किया हुआ था, जिससे यह सीधे इजराइली आबादी क्षेत्रों तक पहुँच सके । इन सब कारकों ने मिलकर आयरन डोम की क्षमता को सीमित कर दिया और यह साबित कर दिया कि कोई भी मिसाइल रक्षा प्रणाली पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर सकती।

विश्लेषकों का कहना है कि इस तरह के हमलों से सीख लेते हुए इजरायल को अपनी रक्षा रणनीतियों को विविध और समेकित बनाना होगा। इसमें आयरन डोम के साथ अन्य प्रणालियों जैसे अरो-3 और डेविड्स स्लिंग की क्षमता को भी सम्हालना शामिल है ताकि वे कम दूरी, लंबी दूरी और बैलिस्टिक मिसाइल खतरों को भी कुशलता से निपटा सकें

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