विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को नई दिल्ली में चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात के दौरान स्पष्ट किया कि भारत-चीन संबंधों में वास्तविक सुधार तभी संभव है जब सीमा पर शांति और तनाव में कमी जारी रहे। यह बैठक वार्ता की 24वीं चरण की रूपरेखा तैयार करने का अहम हिस्सा थी। जयशंकर ने कहा, “सरहद पर शांति और स्थिरता बनाए रखना किसी भी सकारात्मक रफ्तार का आधार है”।
उन्होंने तीन ‘आपसी’ गुण—आपसी सम्मान, संवेदनशीलता और हित—के आधार पर आगे बढ़ने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि “मतभेद विवाद, प्रतिस्पर्धा संघर्ष में नहीं बदलने चाहिए”। इसके अलावा, आतंकवाद से लड़ना भी दोनों देशों की साझा प्राथमिकता है—जयशंकर ने इस पर भी विशेष बल दिया।
इस बैठक में, सीमा व्यवस्थापन (SR) पहल में वांग यी का अगला दौर जारी रहे, जिसमें वे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ अगली बातचीत आयोजित करेंगे। यह अभियान सीमा विवादों को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने की दिशा में एक स्टेप माना जा रहा है।
विश्लेषकों के अनुसार, यह बैठक प्रधानमंत्री के संभावित तियानजिन SCO शिखर सम्मेलन दौरे से पहले एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक पहल है, जो भारत-चीन के बीच दीर्घकालीन संवाद का पुनरारंभ करती प्रतीत होती है।