प्रदेश Jammu and Kashmir की चार राज्यसभा सीटों के लिए हुए परिणामों ने राजनीतिक दिशा को एक नया रूप दे दिया है। बुधवार-24 अक्टूबर 2025 को घोषित परिणामों के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में पहली बार उपयुक्त संसदीय ऊपरी सदन यानी Rajya Sabha की चार सीटों का चुनाव संपन्न हुआ जिसमें Jammu & Kashmir National Conference (NC) ने तीन सीटें जीत लीं जबकि Bharatiya Janata Party (BJP) को एक सीट मिली।
यह चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण था क्योंकि यह 2019 में लागू किए गए Article 370 के बाद जम्मू-कश्मीर से पहली बार राज्यसभा के लिए आयोजित मतदान था।
चुनाव प्रक्रिया के दौरान विधान सभा सदस्यों (MLAs) द्वारा वोटिंग हुई और मतगणना के बाद NC के नेताओं Choudhary Mohammad Ramzan, Sajjad Ahmad Kichloo और Gurwinder Singh Oberoi विजयी घोषित हुए, जबकि भाजपा के Sat Paul Sharma ने अपनी पार्टी के लिए एक सीट सुनिश्चित की।
क्या मायने रखता है यह परिणाम?
इस जीत ने NC को केंद्र-शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में अपनी राजनीतिक पकड़ मजबूत करने का अवसर दिया है। तीन में से तीन सीट जीत कर NC ने विधायक-सभाओं में अपने समर्थन का प्रदर्शन किया है। दूसरी ओर, BJP ने एक सीट पाकर यह संदेश दिया कि उनकी उपस्थिति अभी भी इस क्षेत्र में नज़र आती है।
यह परिणाम यह संकेत देता है कि जम्मू-कश्मीर में सिर्फ विधानसभा चुनाव ही नहीं बल्कि संसदीय ऊपरी सदन में भी राजनीतिक समीकरण तेजी से बदल रहे हैं। सत्ता-साझेदारी, विधायक-समर्थन एवं गठबंधन-रणनीतियों का महत्व बढ़ गया है।
आगे की चुनौतियाँ और संभावनाएं
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NC को पाँच वर्ष के लिए राज्यसभा में अपनी सक्रिय भूमिका निभानी होगी — क्षेत्रीय मुद्दों, केंद्र-प्रवर्तन और संसदीय प्रतिनिधित्व के संदर्भ में।
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BJP को यह सोचने की जरूरत है कि कैसे वे खुद को इस क्षेत्र में प्रभावी बनाए रखें, विशेषकर तब जब NC ने अधिक सीटें जीती हैं।
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इस परिणाम का प्रभाव केवल केंद्र-उप-राज्य व्यवस्था में नहीं बल्कि जम्मू-कश्मीर के भविष्य, राज्य-स्थिति, संसाधन-वितरण व विकास योजनाओं पर भी पड़ सकता है।
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राज्यसभा सदस्य बनने वाले नए सांसदों को क्षेत्रीय मांगों को संसद तक पहुँचाने, जनहित को प्राथमिकता देने और विधानसभा-विधानिक बदलावों का समर्थन या निरीक्षण करने की जिम्मेदारी मिलेगी।
