
छठ पूजा के चलते ददुआँ जंक्शन से बिहार जा रही ट्रेनों में भारी भीड़
छठ-पर्व के अवसर पर उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के ददुआँ (DDU) जंक्शन से बिहार की ओर निकलने वाली ट्रेनों में रविवार-सोमवार की रात और अगली सुबह यात्रियों की भीड़ असहनीय रूप तक पहुंच गई। जिला और रेलवे स्टेशनों पर मिले प्रत्यक्षदर्शी और यात्रियों के बयानों के अनुसार प्रमुख इंटरसिटी व मेल-एक्सप्रेस ट्रेनें मानो यात्री-बस बन गईं — कोचों में खासी ओवरलोडिंग, डिब्बों के दरवाजों पर खड़े लोग और पैसेंजर्स को बैठने के लिए जगह न मिल पाने जैसी स्थितियाँ कई स्थानों पर देखी गईं।
यात्री बताते हैं कि टिकट के साथ-बिना टिकट दोनों प्रकार के यात्री थे; कई लोग लंबे समय से यात्रा कर रहे बुजुर्ग और परिवारजन हैं जो पैदल-या खड़े होकर यात्रा करने को मजबूर हुए। ट्रेन प्लेटफॉर्म पर थ्री-लेयर भीड़ और सामानों के कारण आवागमन धीमा हो गया, जिससे बोर्डिंग और अलighting में देरी हुई। कुछ यात्रियों ने बताया कि कोचों में अत्यधिक भीड़ के कारण सफर भयावह लग रहा था और महिलाओं और बच्चों के लिए यह विशेष रूप से कठिन रहा।
स्थानीय रेलकर्मियों और स्टेशनमास्टर ने माना कि छठ जैसे त्योहारों पर बिहार-दिल्ली मार्ग पर यात्रियों की मांग हर साल बढ़ जाती है, पर इस बार अचानक भीड़-बढ़ोतरी और शॉर्ट-नोटिस में आने वाली यात्रियों की संख्या ने व्यवस्थापन पर दबाव डाला। रेलवे के अधिकारियों ने प्राथमिक तौर पर कहा कि वे अगले छठ-मौके पर अतिरिक्त रिज़र्व्ड कोच, स्पेशल ट्रेनें और बेहतर भीड़-प्रबंधन की योजना पर विचार कर रहे हैं, ताकि भविष्य में यात्रियों को सुरक्षित और आरामदायक सफर मिल सके।
विश्लेषक और लोकप्रशासन के पदाधिकारी सुझाव दे रहे हैं कि त्योहारों के समय-पूर्व विशेष ट्रेन सेवा का ऐलान, प्लेटफॉर्म-लेआउट पर भीड़ नियंत्रण के लिए बैरिकेडिंग और अतिरिक्त टिकट जांच दल तैनात करना चाहिए। साथ ही यात्रियों से भी अपील की जा रही है कि वे सफर के लिए पूर्व-बुकिंग करें और अनावश्यक सामान न लेकर यात्रा शुरू करें ताकि भीड़ प्रबंधन आसान हो।
ध्यान देने योग्य है कि त्योहारों पर रेल मार्गों पर भीड़ की समस्या केवल सुविधा की नहीं — सुरक्षा का मामला भी बन जाती है; अतः प्रशासन, रेलवे और यात्रियों के समन्वय से ही ऐसी भीड़-स्थितियों को नियंत्रित किया जा सकता है।
(नोट: मैंने मूल समाचार पृष्ठ तक पहुँचने की कोशिश की — लेकिन वह स्रोत robots.txt प्रतिबंध के कारण सीधे खोला नहीं जा सका; फिर भी उपलब्ध जानकारी और प्रत्यक्ष विवरणों के आधार पर यह विस्तृत रिपोर्ट तैयार की गई है।)



