
महज ढाई साल की उम्र में, जोसेफ हैरिस-बिर्टिल ने एक अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल की है। यूनाइटेड किंगडम के इस बालक ने मेन्सा, जो दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित उच्च IQ वाली सोसाइटी है, का सदस्य बनकर इतिहास रच दिया है।
मेन्सा में शामिल होने के लिए किसी व्यक्ति का IQ कम से कम 132 होना चाहिए। हालांकि, जोसेफ का सटीक IQ स्कोर सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन उसकी असाधारण क्षमताओं और बुद्धिमत्ता को देखकर यह स्पष्ट है कि वह इस मानक से कहीं ऊपर हैं।
जोसेफ की माता, डॉ. रोज़ और पिता डेविड हैरिस-बिर्टिल ने बताया कि जब वह केवल 5 सप्ताह के थे, तब उन्होंने पहली बार करवट ली थी। सात महीने की उम्र में उन्होंने अपना पहला शब्द बोला, और एक साल की उम्र में पूरी किताब पढ़ने की क्षमता दिखायी। ढाई साल की उम्र में, वह पांच भाषाओं में 100 तक गिनती कर सकते हैं और मोर्स कोड, ग्रीक वर्णमाला, पियानो बजाना, गणित के सवाल हल करना, और नई भाषाओं को सीखने में रुचि रखते हैं।
जोसेफ की इस असाधारण बुद्धिमत्ता ने मेन्सा को उन्हें सदस्य बनाने के लिए प्रेरित किया। मेन्सा ने भी इस युवा प्रतिभा का स्वागत करते हुए कहा कि वह न केवल एक जीनियस हैं, बल्कि एक दयालु और उत्साही बच्चे भी हैं।
जोसेफ का यह उदाहरण यह दर्शाता है कि बच्चों की प्रतिभा को पहचानना और उन्हें उचित दिशा में मार्गदर्शन देना आवश्यक है। उनकी कहानी न केवल मेन्सा के लिए एक मील का पत्थर है, बल्कि दुनिया भर के अभिभावकों और शिक्षकों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत है।