
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के दर्जी टोल क्षेत्र स्थित प्रसिद्ध कालकाजी मंदिर में मंगलवार देर रात एक गंभीर सुरक्षा उल्लंघन सामने आया। मंदिर के 35 वर्षीय सेवादार योगेंद्र सिंह, जिन्होंने पिछले 15 वर्षों तक निस्वार्थ भाव से सेवा की, उनका चून्नी प्रसाद के वितरण को लेकर अचानक उत्पन्न हुई बहस में भीड़ द्वारा लोहे की रॉड और डंडों से हमला कर हत्या कर दी गई। घटना के तुरंत बाद से पूरे मामले ने राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर हलचल मचा दी है।
घटना की पृष्ठभूमि और हिंसक उत्पात
मंदिर में चून्नी प्रसाद बाँटने के दौरान जब सेवादार ने व्यवस्था बनाए रखने के लिए भक्तों से प्रतीक्षा करने का अनुरोध किया, तो कुछ लोग आक्रोशित हो गए और वापस फिरकर सेवादार पर हाथपाई कर दी। इस हिंसा का वीडियो वायरल हुआ, जिसने इसकी बर्बरता को उजागर कर दिया। इस घटना के चलते योगेंद्र सिंह को AIIMS ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, जहाँ उन्होंने दम तोड़ दिया। पुलिस ने कुछ आरोपियों को हिरासत में लिया है, जबकि मामले की जांच जारी है।
AAP की तीखी प्रतिक्रिया—’कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त’
AAP ने इस मामले को दिल्ली में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति पर उनके मुख्य आरोप के रूप में पेश किया। पार्टी के वरिष्ठ नेता अरविंद केजरीवाल ने “चार इंजन वाली बीजेपी सरकार” को निशाने पर लेते हुए कहा कि अगर मंदिर में हत्या हो सकती है, तो दिल्ली में आम नागरिक की सुरक्षा का सवाल ही गलत है। उन्होंने इसे कानून-व्यवस्था की स्पष्ट विफलता बताया।
AAP की नेता आतिशी ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को पत्र लिखकर कहा कि दिल्ली अब “अपराध, फिरौती और गिरोहों की राजधानी” बन चुका है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब मुख्यमंत्री स्वयं सुरक्षित नहीं हैं, तो आम जनता की सुरक्षा कैसी सुनिश्चित होगी?
पुलिस कार्रवाई और आगे की जांच
पुलिस ने इस हत्या के सिलसिले में अज्ञात संख्या में आरोपियों की पहचान कर कई को गिरफ्तार किया है। आरोपियों द्वारा उपयोग किए गए हथियारों सहित घटनास्थल से महत्वपूर्ण साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। जांच का दायरा व्यापक कर दिया गया है, और गिरफ्तारी की प्रक्रिया जारी है।
सामाजिक और धार्मिक संवेदनाएँ
यह घटना न केवल एक हत्या है, बल्कि धार्मिक स्थल में हुई हिंसा ने आम लोगों में आतंक और आस्था पर चोट की चिंता पैदा कर दी है। सुरक्षा की कमी ने यह स्पष्ट किया है कि विशेषकर धार्मिक व सार्वजनिक स्थलों की सुरक्षा पर नजर दुगनी करनी होगी।
राजनीतिक निहितार्थ
AAP ने इस घटना के माध्यम से दिल्ली में बीजेपी की मंत्रिपरिषद और केंद्र की सरकार को कानून-व्यवस्था के स्तर पर गंभीर चुनौती देने का प्रयास किया है। वहीं बीजेपी ने आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताते हुए, एक घटना को सरकार की विफलता से नहीं जोड़ा जाना चाहिए, के पक्ष में तर्क पेश किया है।