
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां कथित तौर पर जहरीला कफ सिरप पीने से 11 बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई। इस सनसनीखेज मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए डॉक्टर प्रवीण सोनी को गिरफ्तार कर लिया है। डॉक्टर पर आरोप है कि उसने बिना जांच और अनुमति के संदिग्ध कफ सिरप का उपयोग बच्चों के इलाज में किया था।
जानकारी के मुताबिक, घटना के बाद इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। कई बच्चों की तबीयत अचानक बिगड़ने लगी और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन इलाज के दौरान एक-एक कर 11 बच्चों की जान चली गई। स्वास्थ्य विभाग ने जब मामले की जांच की तो पाया कि डॉक्टर द्वारा दिया गया कफ सिरप मानकों पर खरा नहीं उतरा और उसमें जहरीले रासायनिक तत्व मौजूद थे।
मामले के गंभीर होते ही पुलिस ने डॉक्टर प्रवीण सोनी को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की। साथ ही, जिस फार्मास्युटिकल कंपनी से यह सिरप खरीदा गया था — ‘श्रीसन कंपनी’ — उसके खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है। सरकार ने तत्काल प्रभाव से उस कंपनी के सभी उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है और पूरे प्रदेश में ऐसी दवाओं की जब्ती अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं।
राज्य सरकार ने मृत बच्चों के परिवारों को 4-4 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है, जबकि जिन बच्चों की तबीयत अब भी खराब है, उनके इलाज का खर्च सरकार खुद उठाएगी। मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस घटना को “गंभीर लापरवाही” करार देते हुए कहा है कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।
यह मामला पूरे देश में दवा निर्माण और मेडिकल निगरानी प्रणाली पर सवाल खड़े कर रहा है। अब स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी इस घटना का संज्ञान लेते हुए सभी राज्यों को कफ सिरप और बच्चों की दवाओं की सैंपल जांच करने के निर्देश जारी किए हैं।