
मध्य प्रदेश और राजस्थान में बाढ़ की स्थिति भयावह
30–31 जुलाई 2025 के दौरान राजस्थान और मध्य प्रदेश में भारी बारिश ने बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। दोनों राज्यों के कई जिलों में नदियाँ उफान पर हैं। जिन जिलों में सबसे अधिक विकरालता बनी है, उनमें शिवपुरी, गुना, सवाई माधोपुर, टोंक, कोटा और जयपुर शामिल हैं।
मुख्य घटनाक्रम
मध्य प्रदेश:
शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, नार्मदापुरम जैसे जिलों में लगातार बारिश और नदियों के उफान से हालात गंभीर हो गए हैं।ूल
एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और राज्य प्रशासन के सहयोग से सेना को झांसी से रवाना किया गया। अब तक 2,900 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है, जिनमें करीब 27 स्कूली बच्चे भी शामिल हैं ।
शिवपुरी के पचावली गांव में लगभग 30 बच्चे 24 घंटे से फंसे थे जिन्हें नौका से निकाला गया ।
कुलरास विधानसभा क्षेत्र के 250 से अधिक लोग सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किए गए जबकि 100 अभी भी फंसे बताए गए ।
भारी बारिश से भारत-राजस्थान संपर्क मार्ग प्रभावित हो गए; पुल टूटे और कई मार्ग बंद हुए। रेस्क्यू अभियान में मेडिकल और राहत शिविरों का प्रयोग जारी है ।राजस्थान:
भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, झालावाड़, कोटा, सवाई माधोपुर, टोंक, जयपुर सहित 11‑18 जिलों में स्कूल बंद किए गए हैं ।
जयपुर, टोंक, सवाई माधोपुर में पानी भरने से सड़कों और पुलों को भारी क्षति हुई है। NH‑552 पुल बह गया, जिससे मध्य प्रदेश और राजस्थान का संपर्क बाधित हुआ ।
मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाने का निर्देश दिया ।
मौसम विभाग की चेतावनी
IMD ने मध्य प्रदेश के भोपाल, विदिशा, शिवपुरी, ग्वालियर-चंबल क्षेत्र समेत कई जिलों में 8–9 इंच बारिश की संभावना के संकेत के साथ रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है ।
राजस्थान के लिए भी कई जिलों में ऑरेंज और यलो अलर्ट जारी हुआ है ।
प्रशासनिक और राहत प्रयास
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने राज्य आपदा केन्द्र से निरंतर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने निर्देश दिए कि कोई लापरवाही नहीं की जाए और प्रभावितों को भोजन, पानी और चिकित्सा सहायता मिले ।
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से शिवपुरी, गुना व अशोकनगर जिलों में राहत कार्यों का जायजा लिया और सुरक्षा एवं आवश्यक सुविधाओं को सुनिश्चित करने के आदेश दिए