
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि सरकार ने पाकिस्तान के साथ संघर्ष विराम की शर्तों को लेकर देश को गुमराह किया है और इस मुद्दे पर पारदर्शिता की कमी रही है।
खड़गे ने यह भी सवाल उठाया कि क्या भारत ने पाकिस्तान से मोस्ट वांटेड आतंकवादियों की प्रत्यर्पण की मांग की थी। उनका कहना है कि यह स्पष्ट नहीं है कि संघर्ष विराम के बदले पाकिस्तान से क्या हासिल हुआ।
इससे पहले, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने सिंगापुर में ऑपरेशन सिंदूर के बारे में बयान दिया था, जिसके बाद खड़गे ने सरकार पर देश को गुमराह करने का आरोप लगाया।
कांग्रेस ने सरकार से मांग की है कि इस मुद्दे पर संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए ताकि देशवासियों को सच्चाई से अवगत कराया जा सके।
विश्लेषण:
कांग्रेस अध्यक्ष के आरोप सरकार की विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों में पारदर्शिता की कमी को उजागर करते हैं। ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के साथ संघर्ष विराम की शर्तों को लेकर अस्पष्टता विपक्ष के लिए एक राजनीतिक मुद्दा बन गया है।
सरकार पर आरोप है कि उसने इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर विपक्ष और जनता से संवाद नहीं किया, जिससे विश्वास की कमी उत्पन्न हुई है। अब यह देखना होगा कि सरकार इस आरोप का कैसे जवाब देती है और क्या संसद में इस पर चर्चा होती है।