मराठा आरक्षण के लिए मुंबई के आजाद मैदान में चल रहे आंदोलन में नया मोड़ आ गया है। मुंबई पुलिस ने आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटिल और उनकी कोर कमेटी को नोटिस जारी कर आजाद मैदान दोपहर तक खाली करने का निर्देश दिया है। पुलिस का कहना है कि आंदोलनकारियों ने कोर्ट और पुलिस द्वारा निर्धारित शर्तों का उल्लंघन किया है, इसलिए अब आगे आंदोलन नहीं जारी रखा जा सकता।
बॉम्बे हाई कोर्ट ने मामले पर सख्ती दिखाई है और कहा कि आंदोलन ने शहर की सामान्य परिस्थितियों को बाधित किया है। कोर्ट ने आंदोलनकारियों को मंगलवार दोपहर तक सभी सड़कों और सार्वजनिक स्थानों को खाली करने का आदेश दिया है।
इन आदेशों के बावजूद, मनोज जरांगे पाटिल ने अपने रुख में कोई बदलाव नहीं किया है। उन्होंने संकेत दिया है कि अगर उन्हें गिरफ्तार किया गया या पुलिस ने कार्रवाई की, तो यह स्थिति “खतरनाक” हो सकती है और आंदोलन और तेज हो सकता है।
प्रतिक्रिया और राजनीतिक तनाव
इस आंदोलन से ओबीसी वर्ग में असंतोष भी परिलक्षित हो रहा है। राष्ट्रीय OBC महासंघ समेत अन्य संगठनों ने नागपुर और पुणे में समर्थित आंदोलन शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि मराठा आरक्षण को OBC कोटे से नहीं दिया जाना चाहिए, क्योंकि इससे OBC वर्ग को मिलने वाली 27% आरक्षण की क्षति हो सकती है।
