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पर्यटकों की गिरती संख्या पर बोले फारूक अब्दुल्ला – “माता वैष्णो देवी जाकर बुलाना होगा लोगों को”

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NEW DELHI, INDIA - MARCH 31: National Conference leader Farooq Abdullah address during I.N.D.I.A. bloc's 'Loktantra Bachao' rally at the Ramlila ground, on March 31, 2024 in New Delhi, India. Leaders of the opposition INDIA bloc have assembled at Delhi's historic Ramlila Maidan for their 'Loktantra Bachao' (save democracy) rally on Sunday. While the AAP, a member of the alliance, said that the rally is to protest the arrest of AAP national convenor and Delhi CM Arvind Kejriwal by the ED in the excise policy case, the Congress, the largest constituent, said that the protest is not 'person-specific,' and that the Opposition will raise its voice against the 'dictatorship' of the BJP-led central government. (Photo by Sanjeev Verma/Hindustan Times via Getty Images)

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (JKNC) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने राज्य में पर्यटकों की घटती संख्या पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि इस स्थिति को सुधारने के लिए हमें कटरा जाकर लोगों से अपील करनी चाहिए कि वे माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए आएं। उनका मानना है कि हाल की घटनाओं का असर पूरे देश में महसूस किया गया है, जिससे पर्यटकों की संख्या में कमी आई है।


फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि “हमें कटरा जाकर लोगों से अपील करनी चाहिए कि वे माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए आएं।” उनका यह बयान राज्य में घटते पर्यटकों की संख्या के संदर्भ में आया है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि “हाल की पहलगाम घटना का असर पूरे देश में महसूस किया गया है।” यह टिप्पणी राज्य में पर्यटन उद्योग की स्थिति को लेकर उनकी चिंता को दर्शाती है।


📈 पर्यटन उद्योग की स्थिति:

हाल के वर्षों में जम्मू-कश्मीर में पर्यटकों की संख्या में उतार-चढ़ाव देखा गया है। हालांकि, 2024 में माता वैष्णो देवी मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई, जिससे राज्य के पर्यटन उद्योग को एक संजीवनी मिली।


🏞️ आगे की दिशा:

फारूक अब्दुल्ला का यह बयान राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय प्रयासों की आवश्यकता को रेखांकित करता है। उनकी अपील यह संकेत देती है कि स्थानीय नेताओं और समुदायों को मिलकर राज्य के पर्यटन उद्योग को पुनः सक्रिय करने के लिए कदम उठाने चाहिए।

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