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मथुरा में छात्रा का अपहरण, 30 लाख की फिरौती और 24 घंटे में पुलिस एनकाउंटर में सफल रेस्क्यू

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उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में एक बेहद भयावह और संवेदनशील मामला सामने आया है, जहां एक कॉलेज छात्रा को अपहरणकर्ताओं ने **कॉलेज से अगवा कर लिया और उसके परिजनों से **30 लाख रुपये की भारी फिरौती की मांग की। यह घटना जैत थाना क्षेत्र में हुई, जब पीड़िता कॉलेज से घर लौट रही थी। छात्रा के घर न पहुँचने के कुछ ही समय बाद उसके परिजनों के मोबाइल पर अपहरणकर्ताओं की तरफ से फोन आया, जिसमें धमकी दी गई कि यदि 30 लाख रुपये नहीं दिये गये तो छात्रा की जान को खतरा है। इसके बाद परिवार में हड़कंप मच गया और उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी।

इस गंभीर सूचना के बाद जैत पुलिस और एसओजी (Special Operations Group) की टीमें तुरंत सक्रिय हो गयीं और अपहरणकर्ताओं का पता लगाने के लिए इलाके में सघन छानबीन शुरू की। शुरुआती जांच में यह सामने आया कि अपहरणकर्ता ने छात्रा को कॉलेज से एक ऑटो में बैठाकर अगवा किया था, जो उसके साथियों की मिलीभगत से संभव हुआ।

पुलिस ने अपहरणकर्ताओं की खोजबीन जारी रखी और सूचना के आधार पर इलाके में घेराबंदी कर दी। इस दौरान सघन पुलिस-एसओजी टीम के संयुक्त ऑपरेशन में जब आरोपियों को पकड़ने की कोशिश की गयी तो उन्होंने पुलिस पर गोली चला दी। इसके जवाब में सुरक्षा बलों ने एनकाउंटर किया, जिसमें दो आरोपियों के पैर में गोली लगने की जानकारी मिली है। हालांकि मुठभेड़ के बीच पुलिस ने छात्रा को सुरक्षित निकालकर उसके परिवार के हवाले कर दिया।

पुलिस ने तीनों अपहरणकर्ताओं को हिरासत में लिया है जिनकी पहचान सौरव सिंह उर्फ मंडली (मथुरा), मंजीत (सीतामढ़ी, बिहार) और एक महिला आरोपी के रूप में हुई है। अपहरण के समय इन आरोपियों के पास से पुलिस को ढाई लाख रुपये नगद, एक तमंचा और अपहरण में इस्तेमाल की गई ऑटो भी बरामद हुई है। प्रारंभिक पूछताछ से यह भी पता चला है कि ये आरोपियों ने अपने वेब सीरिज देखने के प्रभाव में यह घिनौना अपराध योजना तैयार की थी।

एसएसपी श्लोक कुमार ने बताया कि यह सफल ऑपरेशन टीम की तेज़ और अनुशासित कार्रवाई का नतीजा है और इनपुट के आधार पर आरोपी जल्दी पकड़े गए। उन्होंने कहा कि अपराध के खिलाफ पुलिस सख्त रहेगी और ऐसे मामलों को बर्दाश्त नहीं करेगी। इसके अलावा, पुलिस ने इस संकट में एसओजी और जैत थाना टीम के सदस्यों को क्रमशः ₹25,000 का नगद इनाम देने की घोषणा भी की है ताकि आगे भी टीमों का मनोबल ऊँचा रहे।

यह घटना समाज में बढ़ते क्राइम ट्रेंड और युवाओं विशेषकर छात्राओं को निशाना बनाने वाली वारदातों की गंभीरता को उजागर करती है। साथ ही, यह मामला यह भी दर्शाता है कि कैसे युवा अपराधी आजकल कल्पना और मनोरंजन की सामग्री को देखकर खतरनाक योजनाएँ बना रहे हैं, जिसका सीधा प्रभाव कानून और व्यवस्था पर पड़ रहा है। इस सब के बीच पुलिस की 24 घंटे में त्वरित प्रतिक्रिया ने न सिर्फ एक जीवन को सुरक्षित रखा, बल्कि अपहरण जैसे गंभीर अपराधियों को क़ानूनी शिकंजे में पकड़ने का महत्वपूर्ण उदाहरण भी पेश किया है।

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