विदेश मंत्रालय ने 14 अगस्त 2025 को पाकिस्तान के नेताओं द्वारा की गई भारत-विरोधी टिप्पणियों पर तीव्र प्रतिक्रिया व्यक्त की। प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि यह भारत-विरोधी बयान पाकिस्तान की पुरानी रणनीति का हिस्सा हैं, जिनका उद्देश्य अपनी आंतरिक विफलताओं से ध्यान हटाना है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि कोई दुस्साहस किया गया तो उसकी कीमत पाकिस्तान को भारी चुकानी होगी।
इसी बयान के दौरान, विदेश मंत्रालय ने इस्राइल-फिलिस्तीन मुद्दे पर भारतीय रुख दोहराया। भारत ने संघर्ष विराम, सभी बंधकों की बिना शर्त रिहाई, गाजा में मानवीय सहायता की अघोषित एवं निरंतर आपूर्ति का समर्थन करने की अपनी पुरानी नीति की पुष्टि की। साथ ही, भारत ने दो-राष्ट्र समाधान को ही स्थायी शांति का मार्ग माना है।
विदेश मंत्रालय ने इस बयान में यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संयुक्त राष्ट्र महासभा में संभावित यात्रा पर अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। वहीं, विदेश मंत्री एस. जयशंकर इसी महीने रूस की मॉस्को में प्रस्तावित भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग की बैठक में भाग लेंगे, जिसमें व्यापार, आर्थिक और सांस्कृतिक सहयोग पर चर्चा होगी।
बयान में अमेरिका और रूस के साथ भारत के रणनीतिक संवाद को भी महत्व दिया गया। प्रवक्ता ने बताया कि अमेरिका का रक्षा नीति दल मध्य अगस्त में दिल्ली आएगा और इस माह के अंत में 2+2 संवाद बैठक प्रस्तावित है, जो दोनों देशों के बीच रक्षा और रणनीतिक साझेदारी को और मज़बूत करेगा।