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कांवड़ यात्रा के दौरान मांस दुकानों को बंद करने के आदेश पर भड़के मौलाना साजिद रशीदी, बताया भेदभाव

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नई दिल्ली: कांवड़ यात्रा के मद्देनज़र दिल्ली में मांस और पोल्ट्री दुकानों को अस्थायी रूप से बंद करने के आदेश पर ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी ने कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने इस निर्णय को धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ भेदभावपूर्ण करार देते हुए कहा कि यह उनके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है।

मौलाना रशीदी ने कहा कि,

“किसी एक धार्मिक समुदाय की आस्था के नाम पर दूसरे समुदाय की आजीविका छीनना पूरी तरह अनुचित है। यह न केवल हमारे व्यवसाय पर हमला है, बल्कि धार्मिक स्वतंत्रता पर भी चोट है।”

कोर्ट के आदेश के बाद बढ़ा विवाद

दिल्ली हाई कोर्ट के हालिया आदेश में निर्देश दिया गया है कि कांवड़ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं का ध्यान रखते हुए सार्वजनिक मार्गों और धार्मिक स्थलों के पास स्थित मांस की दुकानों को बंद किया जाए।

इस आदेश के खिलाफ मुस्लिम संगठनों ने विरोध जताया है और इसे संविधान के अनुच्छेद 19(1)(g) – व्यवसाय करने की स्वतंत्रता – के उल्लंघन के रूप में देखा है।

AIMIM समेत अन्य संगठनों ने भी जताई चिंता

मौलाना साजिद रशीदी के साथ कई अन्य मुस्लिम सामाजिक और धार्मिक संगठनों ने भी इस आदेश को तुष्टिकरण की राजनीति करार दिया है। उनका कहना है कि यदि सरकार हर समुदाय की भावनाओं का सम्मान चाहती है तो ऐसे फैसलों में सभी पक्षों की राय ली जानी चाहिए।

प्रशासन की दलील

प्रशासन की ओर से तर्क दिया गया है कि यह आदेश केवल कांवड़ यात्रा की अवधि के लिए है, और इसका मकसद केवल धार्मिक सौहार्द बनाए रखना है।

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