
अमेरिका के मिनियापोलिस शहर स्थित एक कैथोलिक स्कूल में मंगलवार सुबह हुए भयावह गोलीकांड ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। हमले में दो स्कूली बच्चों की मौत हो गई, जबकि 17 अन्य लोग घायल हुए हैं। अधिकारियों ने इस हमले को “घरेलू आतंकवाद” और “धार्मिक घृणा से प्रेरित अपराध” करार दिया है।
घटना का विवरण
हमला ऐन्नन्सिएशन कैथोलिक स्कूल में उस समय हुआ जब छात्र, अभिभावक और शिक्षक स्कूल की वार्षिक प्रार्थना सभा (Mass) में शामिल थे। हमलावर ने स्कूल की खिड़कियों के बाहर से अचानक गोलियां चलानी शुरू कर दीं। हमले में दो बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दर्जनों घायल हुए।
शूटर की पहचान और पृष्ठभूमि
हमलावर की पहचान 23 वर्षीय Robin Westman के रूप में हुई है, जो इसी स्कूल का पूर्व छात्र था। रिपोर्ट्स के अनुसार, वह ट्रांसजेंडर महिला थी और कुछ समय से मानसिक रूप से अस्थिर थी। उसने इस हमले के बाद पार्किंग में जाकर खुद को गोली मार ली।
Westman की मां इसी स्कूल में सचिव के रूप में काम कर चुकी हैं और परिवार चर्च से जुड़ा रहा है। हमले से पहले शूटर ने सोशल मीडिया पर कई चरमपंथी विचार साझा किए थे।
हथियारों पर लिखे भड़काऊ संदेश
पुलिस जांच में सामने आया है कि शूटर की राइफल और पिस्टल पर बेहद आपत्तिजनक और हिंसक नारे लिखे हुए थे। इनमें शामिल हैं:
“NUKE INDIA”
“Kill Donald Trump”
“Israel Must Fall”
“Mashallah”
“6 Million Wasn’t Enough” (यहूदी नरसंहार पर कटाक्ष)
“Where is your God?”
इन नारों को देखकर विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमला किसी एक समुदाय या देश के खिलाफ नहीं बल्कि वैश्विक स्तर पर धार्मिक और राजनीतिक घृणा से प्रेरित था।
FBI और प्रशासन की प्रतिक्रिया
एफबीआई ने हमले को “डोमेस्टिक टेरर अटैक” (घरेलू आतंकी हमला) मानते हुए जांच शुरू कर दी है। एफबीआई प्रमुख काश पटेल ने इसे एक “Catholic hate crime” बताया है। उन्होंने कहा कि इस घटना में घृणास्पद विचारधारा और धर्म के विरुद्ध चरम नफरत का प्रदर्शन हुआ है।
मिनियापोलिस के मेयर Jacob Frey ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की है और कहा कि “दुख की इस घड़ी में हमें एकजुट होकर पीड़ित परिवारों का साथ देना चाहिए, ना कि समुदाय विशेष को निशाना बनाना चाहिए।”
वैश्विक प्रतिक्रिया
इस हमले में भारत का जिक्र आने के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी दूतावास से इस मामले में जानकारी मांगी है। अभी तक भारत सरकार की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन इस घटना को भारत विरोधी चरमपंथ से जोड़कर देखा जा रहा है।
वेटिकन सिटी से पोप लियो XIV ने भी इस हमले को “क्रूर और अमानवीय” करार देते हुए पीड़ितों के लिए प्रार्थना की है।