
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार, 12 अगस्त 2025 को बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अदालत को बताया कि एक निर्वाचन क्षेत्र में बीस… विशेष ड्राफ्ट लिस्ट में 12 ऐसे लोग मृत दिखाए गए हैं जो वास्तव में जीवित हैं, जबकि कुछ ऐसे भी हैं जिन्हें जीवित दिखाया गया है पर वे मृत हैं—यह गलती कैसे हुई? अदालत ने चुनाव आयोग से इस बारे में पूछताछ करने की बात कही ।
इलेक्ट्रॉनिक आयोग की ओर से प्रस्तुत वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी ने स्वीकार किया कि इस तरह के व्यापक अभ्यास में “कुछ गलतियां हो सकती हैं,” लेकिन यह केवल ड्राफ्ट सूची है और अंतिम सूची में सुधार किए जा सकते हैं ।
सुप्रीम कोर्ट की बेंच—जस्टिस सूर्यकांत व जस्टिस जॉयमाल्या बागची—ने चुनाव आयोग से विस्तृत आंकड़ियाँ प्रस्तुत करने को कहा, जैसे कि SIR शुरू होने से पहले और बाद में मतदाताओं की संख्या, मृत घोषित किए गए की संख्या, और अन्य प्रासंगिक जानकारी । साथ ही, उन्होंने कहा कि अगर “बड़ी संख्या में वाकई में लोगों को वोटर लिस्ट से हटा दिया गया”—तो वह तुरंत हस्तक्षेप करेंगे