अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के पूर्व शीर्ष ट्रेड सलाहकार पीटर नवारो ने एक बार फिर भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। नवारो ने अपने सोशल मीडिया थ्रेड में भारत के रूस से तेल खरीदने के फैसले पर सवाल उठाते हुए तीखी टिप्पणी की और इसके साथ पीएम मोदी की एक ध्यान मुद्रा वाली तस्वीर भी पोस्ट की। इस पोस्ट ने सोशल मीडिया पर विवाद खड़ा कर दिया और भारतीय यूज़र्स ने इसे न केवल राजनीतिक हमला माना बल्कि सांस्कृतिक रूप से असंवेदनशील भी बताया।
नवारो ने आरोप लगाया कि भारत रूस से सस्ता कच्चा तेल खरीदकर उसे महंगे दामों पर अन्य देशों को बेच रहा है, जिससे सीधे तौर पर क्रेमलिन को आर्थिक फायदा मिल रहा है। उनका कहना था कि इस पैसे से रूस अपनी युद्ध मशीन को मजबूत कर रहा है और यूक्रेन पर हमला जारी रखे हुए है। नवारो ने लिखा कि “भारत की यह रणनीति वैश्विक शांति के खिलाफ है और पश्चिमी देशों के लिए नुकसानदेह साबित हो रही है।”
इसके बाद नवारो ने अपने थ्रेड का समापन एक तस्वीर के साथ किया, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी भगवा वस्त्र पहने मंदिर जैसी पृष्ठभूमि में ध्यान मुद्रा में दिखाई दे रहे थे। इसके साथ उन्होंने कैप्शन दिया, “यूक्रेन में शांति का रास्ता नई दिल्ली से होकर गुजरता है।” यही तस्वीर और कैप्शन भारतीय यूज़र्स के लिए असहज और आपत्तिजनक साबित हुआ। कई लोगों ने नवारो पर ‘नस्लवादी’ और ‘अपमानजनक’ रवैया अपनाने का आरोप लगाया।
सोशल मीडिया पर इस पोस्ट के बाद तीखी प्रतिक्रियाएँ आने लगीं। एक यूज़र ने लिखा, “क्या तुम्हारे पास आईना है? पहले खुद को देखो और फिर दूसरों को ज्ञान दो।” वहीं दूसरे ने टिप्पणी की कि “25 साल की मेहनत से भारत-अमेरिका के रिश्तों में जो भरोसा बना था, उसे इस तरह की बयानबाज़ी से नुकसान पहुंच रहा है।” कई भारतीयों ने कहा कि मोदी की तस्वीर का इस तरह इस्तेमाल सिर्फ भारत को बदनाम करने की कोशिश है और यह कूटनीतिक शिष्टाचार के खिलाफ है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह विवाद ऐसे समय में आया है जब भारत और अमेरिका दोनों ऊर्जा व्यापार और वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने की दिशा में काम कर रहे हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच भारत ने बार-बार यह साफ किया है कि उसकी ऊर्जा नीति केवल राष्ट्रीय हितों पर आधारित है और वह किसी दबाव में नहीं आएगा।
पीटर नवारो पहले भी भारत के खिलाफ कई बार आक्रामक बयान दे चुके हैं, खासकर तब जब ट्रम्प प्रशासन ने आयात-निर्यात और व्यापार असंतुलन को लेकर भारत पर टैरिफ बढ़ाने की धमकी दी थी। अब जब ट्रम्प दोबारा सत्ता में लौटने की कोशिश कर रहे हैं, तो नवारो के बयान अमेरिका की विदेश नीति की दिशा पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं।
कुल मिलाकर, मोदी की तस्वीर के साथ आई यह पोस्ट सिर्फ राजनीतिक विवाद ही नहीं बल्कि सांस्कृतिक संवेदनाओं से भी जुड़ गई है, जिससे भारतीय सोशल मीडिया पर नाराज़गी और आक्रोश साफ दिखाई दे रहा है।
