
आज NDA संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस और भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू पर दोनों बार देश विभाजन का आरोप लगाया, जिसे वह आज भी भुगत रहा है।
बैठक में, मोदी ने बताया कि सिपा़सदों का परिचय कराते हुए उन्होंने सी.पी. राधाकृष्णन का अभिवादन किया—उन्हें ओबीसी समाज का एक सहज और जमीनी नेता बताया गया, जो राजनीति को खेल की तरह नहीं देखते। लेकिन मुख्य चर्चा का केंद्र नेहरू और सिंधु जल समझौता बना।
प्रधानमंत्री मोदी ने नेहरू द्वारा सिंधु जल समझौते को किसान विरोधी और राष्ट्रहित के विरुद्ध बताते हुए उसे दूसरा विभाजन कहा। उन्होंने दावा किया कि इस समझौते के तहत भारत ने लगभग 80 प्रतिशत सिंधु जल पाकिस्तान को दे दिया गया, जो आज तक देश के लिए भारी पड़ रहा है।
मोदी ने कहा कि नेहरू ने देश को एक बार भौगोलिक विभाजन से विभाजित किया, और एक बार इस समझौते से—जिसका खामियाजा वर्तमान पीढ़ी हल कर रही है। उन्होंने बताया कि नेहरू ने अपनी गलती स्वीकार की थी, लेकिन तब भी देश को इसका भार भुगतना पड़ा।
इस भाषण के माध्यम से मोदी ने कांग्रेस पर इतिहास को तोड़ने और नेहरूत्व के वादों के बाद भी राष्ट्र के हितों का विलोपन करने का आरोप लगाया।