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नेपाल में आम चुनाव की तैयारियां तेज

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नेपाल में आगामी आम चुनाव को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। अंतरिम प्रधानमंत्री सुषिला कार्की ने रविवार को राजधानी काठमांडू में प्रमुख राजनीतिक दलों, चुनाव आयोग और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की। इस बैठक का उद्देश्य 5 मार्च 2026 को प्रस्तावित आम चुनावों की तैयारियों की समीक्षा करना और सभी दलों के बीच समन्वय स्थापित करना था।

बैठक में प्रधानमंत्री सुषिला कार्की ने कहा कि आने वाले चुनाव नेपाल के लोकतांत्रिक भविष्य के लिए बेहद अहम हैं। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से अपील की कि वे आपसी मतभेदों को दरकिनार करते हुए शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव कराने में सरकार का सहयोग करें। उन्होंने कहा, “यह समय राजनीतिक प्रतिस्पर्धा का नहीं बल्कि देश की लोकतांत्रिक नींव को मजबूत करने का है। सभी दलों को पारदर्शिता, निष्पक्षता और जनहित को प्राथमिकता देनी चाहिए।”

बैठक में नेपाल कांग्रेस, सीपीएन-यूएमएल, माओवादी सेंटर, जनता समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी जैसे प्रमुख दलों के प्रतिनिधि शामिल हुए। इस दौरान चुनाव आयोग के अधिकारियों ने मतदाता सूची, मतदान केंद्रों की सुरक्षा, ईवीएम व्यवस्था और मतदान कर्मियों की नियुक्ति से जुड़ी प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। साथ ही, संघीय और प्रांतीय सरकारों के बीच समन्वय बढ़ाने, सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ करने और संवेदनशील इलाकों में विशेष निगरानी बढ़ाने पर भी चर्चा हुई।

प्रधानमंत्री कार्की ने प्रशासन को निर्देश दिया कि चुनावों के दौरान किसी भी प्रकार की हिंसा, अफवाह या अराजकता फैलाने वाले तत्वों पर सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने मीडिया से भी अपील की कि वे जिम्मेदारीपूर्वक रिपोर्टिंग करें ताकि मतदाताओं में विश्वास और पारदर्शिता बनी रहे।

विश्लेषकों के अनुसार, यह बैठक नेपाल की राजनीति के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि देश में पिछले कुछ वर्षों से राजनीतिक अस्थिरता बनी हुई है। कई गठबंधनों के टूटने और सरकारों के बदलने के बाद अब यह चुनाव देश के लिए स्थिरता की दिशा में एक निर्णायक कदम माना जा रहा है। सुषिला कार्की के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का मुख्य लक्ष्य एक निष्पक्ष, शांतिपूर्ण और विश्वसनीय चुनाव कराना है।

नेपाल की जनता अब इस चुनाव को लेकर बड़ी उम्मीद लगाए बैठी है, क्योंकि इससे देश की आर्थिक नीतियों, रोजगार योजनाओं और पड़ोसी देशों से संबंधों की दिशा तय होगी।

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