नीतीश कुमार ने बुधवार (19 नवंबर) को दोपहर 3:30 बजे विधान सभा के सेंट्रल हॉल में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) विधायक दल की बैठक बुलाई है, जिसमें उन्हें विधायक दल का नेता चुना जाना तय है।
इसके पश्चात् वह राजभवन जाकर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से मुलाकात करेंगे और अपना इस्तीफा सौंपेंगे — साथ ही एनडीए के घटक दलों के समर्थन पत्र भी प्रस्तुत किए जाएंगे।
निर्धारित है कि नया शपथ-ग्रहण समारोह 20 नवंबर 2025 को होगा, जिसमें मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार का दसवाँ कार्यकाल शुरू हो सकता है।
यह बदलाव उस विधानसभा चुनाव के परिणाम के तुरंत बाद हो रहा है जिसमें एनडीए ने स्पष्ट बहुमत हासिल किया है।
पृष्ठभूमि एवं महत्वपूर्ण बिंदु
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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे 14 नवंबर को आए थे, जिनमें एनडीए ने अप्रत्याशित रूप से मजबूत प्रदर्शन किया।
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चुनाव परिणाम के बाद सरकार गठन की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ी है — इस्तीफे, विधायक दल की बैठकें, समर्थन पत्र जमा करना तथा शपथ-ग्रहण की तैयारियाँ इस क्रम में हैं।
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चर्चा है कि इस बार नए मंत्रिमंडल में घटक दलों के बीच विभाग-वितरण और शक्ति-संतुलन पर भी सहमति बन चुकी है।
राजनीतिक मायने
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इस बदलाव का अर्थ है कि नीतीश कुमार अपनी सरकार को पुनर्स्थापित करने जा रहे हैं, जिससे उनकी राजनीतिक प्रतिष्ठा तथा राज्य में उनकी लीडरशिप दोनों को बल मिलेगा।
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साथ ही, एनडीए को सत्ता में लौटने के बाद एक त्वरित और सुव्यवस्थित हस्तांतरण प्रक्रिया ने यह संकेत दिया है कि गठबंधन अपने नए कार्यकाल को समय पर सक्रिय रूप से शुरू करना चाहता है।
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विपक्ष के लिए यह समय चुनौतियों भरा होगा क्योंकि सरकार बनने के बाद उसे जल्द ही नए मंत्रिमंडल के कामकाज से जूझना होगा।
