
पोंजी स्कीम के जरिए 5,600 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी करने वाली चर्चित कारोबारी और हीरा ग्रुप ऑफ कंपनिज की संस्थापक नोहेरा शेख को आखिरकार हैदराबाद क्राइम ब्रांच ने फरीदाबाद के सुरजकुंड स्थित एक होटल से गिरफ्तार किया है। वह अपने परिवार के साथ छिपकर रह रही थीं। उनके खिलाफ कई राज्यों में एफआईआर दर्ज हैं और वह पहले भी कई बार गिरफ्तार हो चुकी हैं।
नोहेरा शेख पर आरोप है कि उन्होंने हीरा गोल्ड एक्जिम प्राइवेट लिमिटेड के नाम से एक कंपनी बनाई और निवेशकों से 36 प्रतिशत वार्षिक रिटर्न का झांसा देकर लगभग 1.72 लाख निवेशकों से 5,600 करोड़ रुपये की राशि जुटाई। यह मामला पोंजी स्कीम का एक बड़ा उदाहरण बनकर सामने आया है।
सुप्रीम कोर्ट ने नोहेरा शेख को आदेश दिया था कि वह तीन महीने के भीतर 25 करोड़ रुपये निवेशकों को वापस करें, अन्यथा उनकी जमानत रद्द कर दी जाएगी और उन्हें जेल भेज दिया जाएगा। हालांकि, उन्होंने इस आदेश की अवहेलना की और अदालत में पेश नहीं हुईं, जिसके परिणामस्वरूप उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किए गए।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी इस मामले में कार्रवाई करते हुए नोहेरा शेख और उनकी कंपनियों की 103.4 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की हैं। इसके अलावा, उन्होंने 300 करोड़ रुपये की और संपत्तियां भी जब्त की हैं, जो विभिन्न राज्यों में स्थित हैं।
नोहेरा शेख की गिरफ्तारी से यह स्पष्ट होता है कि वित्तीय धोखाधड़ी के मामलों में कानून अपनी पूरी ताकत से कार्रवाई कर रहा है और निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए कठोर कदम उठा रहा है।