स्वतंत्रता दिवस 2025 के अवसर पर भारतीय सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर में अदम्य साहस और विशिष्ट सेवा देने वाले सैनिकों को राष्ट्रीय सम्मान से नवाज़ा है। ये सम्मान वीरता और युद्ध-कालीन सेवा के उच्चतम मानदंडों को दर्शाते हैं।
सरकार ने 127 गैलेंट्री मेडल और 40 प्रतिष्ठित सेवा पुरस्कारों की मंजूरी दी है, जिसमें ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में वीर चक्र, युद्ध सेवा मेडल, उत्तम युद्ध सेवा मेडल, सर्वोत्तम युद्ध सेवा मेडल (Sarvottam Yudh Seva Medal) आदि शामिल हैं। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस अवसर पर कहा कि यह एक संतुलित सैन्य प्रतिक्रिया थी जो भारत की दृढ़ता, आधुनिक रणनीति और तकनीकी क्षमता का परिचायक है।
भारतीय वायु सेना (IAF) के नौ अधिकारी, जिन्होंने मुर्दिके, भावालपुर और अन्य आतंक-क्षेत्रीय ठिकानों पर सटीक हमले किए, उन्हें वीर चक्र (Vir Chakra) से नवाज़ा गया है—जो युद्धकालीन वीरता का तीसरा सर्वोच्च सम्मान है। इसके अलावा, सेना, नौसेना और वायु सेना के सात शीर्ष अधिकारियों को सर्वोत्तम युद्ध सेवा मेडल (Sarvottam Yudh Seva Medal) से सम्मानित किया गया जिसमें चार वायु सेना के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।
देश के पश्चिमी सीमाओं पर सुरक्षा बनाए रखने वाले सीमा सुरक्षा बल (BSF) के 16 जवानों को भेदाभावपूर्ण बहादुरी और अद्वितीय कर्मठता के लिए गैलेंट्री मेडल (Medal for Gallantry) से सम्मानित किया गया है। इस प्रकार कुल मिलाकर ऑपरेशन सिंदूर में शामिल सभी शाखाओं के सैनिकों की बहादुरी को सार्वजनिकी श्रद्धांजलि दी गई है।
इन सभी पुरस्कारों की घोषणा स्वतंत्रता दिवस समारोह से ठीक पहले की गई। लहराती तिरंगे की छाप और ऑपरेशन सिंदूर की पहचान समारोह में विशेष रूप से दर्शाई गई—न केवल प्रेरणादायी प्रदर्शन के रूप में, बल्कि राष्ट्रीय एकता और सुरक्षा के प्रतीक के रूप में भी।