पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमा पर हाल ही में बढ़ते तनाव ने पूरे दक्षिण एशिया में चिंता बढ़ा दी है। हाल ही में Islamabad में आत्मघाती बम धमाका हुआ, जिसकी जिम्मेदारी Tehrik‑e‑Taliban Pakistan (TTP) ने ली है। TTP के हजारों लड़ाके अफगानिस्तान के जंगल और पहाड़ी इलाकों में सक्रिय हैं, जिससे पाकिस्तान यह आरोप लगाता है कि अफगानिस्तान ने उन्हें पनाह दी है। अफगानिस्तान की ओर से इन आरोपों को खारिज किया गया है, लेकिन दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है।
विश्लेषकों का मानना है कि अगर युद्ध छिड़ता है, तो पहला कदम पाकिस्तान की तरफ से होने की संभावना ज्यादा है। इसके पीछे मुख्य कारण हैं—आंतरिक दबाव, सेना की तैयारी, रणनीतिक फायदे और TTP जैसे आतंकी संगठन की सक्रियता। पाकिस्तान ने सीमा पर अपनी सेना को हाई अलर्ट पर रखा है, जबकि अफगानिस्तान भी सतर्क है और अपने सुरक्षा बलों को तैनात कर रहा है।
सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि दोनों देशों की कमजोर अर्थव्यवस्था और नागरिक जीवन पर इसका गंभीर प्रभाव पड़ेगा। यदि सीमापार लड़ाई शुरू होती है, तो भारी मानवीय और आर्थिक नुकसान होने की संभावना है। हालांकि, कूटनीतिक प्रयास और अंतरराष्ट्रीय दबाव अभी भी दोनों देशों को झगड़े से रोकने की कोशिश कर रहे हैं।
विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि TTP की गतिविधियों और सीमा पार आतंकवाद दोनों देशों के बीच संघर्ष की ज्वाला को और भड़का सकती है। दक्षिण एशिया की सुरक्षा स्थिति इस समय बेहद संवेदनशील है, और स्थानीय जनता तथा पड़ोसी देशों की निगाहें दोनों सरकारों की अगली रणनीति पर टिकी हुई हैं।
