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पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: राष्ट्रपति जरदारी ने संसद का आपात सत्र बुलाया

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समाचार विस्तार से (News in Detail in Hindi):

इस्लामाबाद
जम्मू-कश्मीर के पर्यटन स्थल पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। इस हमले में 26 निर्दोष भारतीय पर्यटकों की जान गई थी, और भारत ने इसके पीछे पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों का हाथ होने का आरोप लगाया है। भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कूटनीतिक मोर्चा खोल दिया है।

इस गंभीर घटनाक्रम के बीच पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने शनिवार देर रात एक अहम निर्णय लेते हुए सोमवार शाम 5 बजे संसद (नेशनल असेंबली) का आपातकालीन सत्र बुलाया है। यह सत्र राष्ट्रीय सुरक्षा, क्षेत्रीय स्थिति और भारत के साथ बढ़ते तनाव पर चर्चा करने के लिए बुलाया गया है।

पाकिस्तानी सेना और सरकार सतर्क मोड में

सिर्फ इतना ही नहीं, पाकिस्तान ने इस तनावपूर्ण माहौल के बीच अपनी सैन्य ताकत का प्रदर्शन करते हुए 3 मई को ‘अब्दाली’ नाम की 450 किलोमीटर रेंज वाली बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण भी किया। इसे भारत को कड़ा संदेश देने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है।

भारत ने लिए सख्त कदम

हमले के बाद भारत सरकार ने निम्न कदम उठाए हैं:

राष्ट्रपति जरदारी का सख्त संदेश

राष्ट्रपति जरदारी ने एक बयान में कहा:

“हमारे देश में आतंक फैलाने वाले तत्वों को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पाकिस्तान की संप्रभुता और राष्ट्रीय एकता को चुनौती देने वाली हर साजिश का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।”

विशेषज्ञों की राय

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पाकिस्तान इस समय आंतरिक अस्थिरता और अंतरराष्ट्रीय दबाव दोनों से जूझ रहा है। ऐसे में यह आपात सत्र सरकार के लिए रणनीतिक और मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। यह भी माना जा रहा है कि पाकिस्तान इस सत्र के माध्यम से दुनिया को यह संदेश देना चाहता है कि वह आतंकवाद के खिलाफ खड़ा है — भले ही अंतरराष्ट्रीय बिरादरी इसकी नीयत पर सवाल उठा रही हो।


प्रमुख तथ्य संक्षेप में:

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