
9 मई 2025 को जम्मू-कश्मीर के राजौरी ज़िले में नियंत्रण रेखा (LoC) के पास पाकिस्तानी ड्रोन की भारी गतिविधि दर्ज की गई। यह अब तक का सबसे अधिक ड्रोन मूवमेंट माना जा रहा है, जो सीमा पार से भारत में घुसपैठ की आशंका को और मजबूत करता है। एक वायरल वीडियो में देखा गया कि कई ड्रोन एक साथ भारतीय क्षेत्र की ओर उड़ते हुए नजर आए।
🔫 भारतीय सेना की त्वरित कार्रवाई:
भारतीय सेना ने जैसे ही ड्रोन मूवमेंट को नोटिस किया, तुरंत जवाबी कार्रवाई करते हुए गोलियां चलाईं। इसके बाद ड्रोन वापस पाकिस्तानी क्षेत्र की ओर लौट गए। हालांकि इस बीच ड्रोन द्वारा किसी प्रकार की वस्तु गिराने की पुष्टि नहीं हुई है, फिर भी सेना और सुरक्षा एजेंसियों ने पूरे इलाके में तलाशी अभियान शुरू कर दिया है।
📍 राजौरी क्यों बना टारगेट?
राजौरी, जम्मू-कश्मीर का एक संवेदनशील इलाका है, जो नियंत्रण रेखा से सटा हुआ है। इस क्षेत्र में सेना की कई रणनीतिक चौकियाँ और नागरिक बस्तियाँ हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि पाकिस्तान द्वारा भेजे जा रहे ड्रोन का उद्देश्य हो सकता है:
- भारतीय सेना की गतिविधियों की जासूसी करना
- हथियार या विस्फोटक गिराना
- अस्थिरता फैलाने के लिए आतंकियों को मदद पहुँचाना
🚫 ड्रोन पर रोक और स्थानीय प्रशासन की भूमिका:
इससे पहले भी अप्रैल 2025 में ड्रोन गतिविधि के बाद स्थानीय प्रशासन ने राजौरी ज़िले में ड्रोन उड़ाने, स्टोर करने और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बावजूद इस तरह की घटनाओं का दोहराव सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता का विषय है।
🔍 सुरक्षा एजेंसियाँ अलर्ट मोड में:
बीएसएफ (BSF), सेना और अन्य खुफिया एजेंसियाँ अब हाई अलर्ट पर हैं। नियंत्रण रेखा पर एंटी-ड्रोन सिस्टम और रडार निगरानी को भी और सख्त किया जा रहा है। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को अब सीमावर्ती क्षेत्रों में ड्रोन डिटेक्शन और न्यूट्रलाइजेशन तकनीक को और मजबूत करना होगा।
