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भागलपुर में दो पाकिस्तानी महिलाएं वोटर लिस्ट में, फर्जी आधार और पहचान पत्र से मिली सरकारी सुविधाएं

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बिहार के भागलपुर जिले में हुए विशेष चुनाव संबंधी सत्यापन (Special Intensive Revision) के दौरान एक चौंकाने वाला मामला सामने आया। स्पेशल ब्रांच की रिपोर्ट के अनुसार, दो पाकिस्तानी महिलाएं—फिरदौसिया और इमराना—भारतीय आधार कार्ड और वोटर आईडी प्राप्त कर भारत की वोटर लिस्ट में शामिल हो गईं। इस गंभीर तथ्य की जानकारी मिलते ही सुरक्षा एजेंसियों में हलचल मच गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मामला सार्वजनिक होते ही जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है और इस पूरे प्रकरण की गहनता से जांच की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं।

प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, यह जानकारी तब उजागर हुई जब SIR प्रक्रिया के तहत दस्तावेजों की जांच की गई थी। दोनों महिलाएं भागलपुर के भिखनपुर गुमटी नंबर 3, टैंक लेन, इस्लामनगर थाना क्षेत्र में रह रही थीं और उनके पास भारतीय वोटर पहचान पत्र (EPIC) भी थे। इस तथ्य को District Magistrate और SSP ने संज्ञान में लिया और हटाए जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

विशेष जांच में एक अन्य पाकिस्तानी नागरिक—एक पुरुष—की पहचान भी हुई, जिसने बिहार में आधार कार्ड बनवा रखा था। यह घटना भारत की पहचान दस्तावेज़ों की प्रणाली और नागरिकता सत्यापन प्रक्रियाओं में संभावित खामियों को उजागर करती है, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी सवाल उठते हैं।

सूचना के स्रोतों के अनुसार, गृह मंत्रालय और चुनाव आयोग इस मामले की गहराई से जांच कर रहे हैं। आने वाले समय में निवासी प्रमाण, दस्तावेज़ों की वैधता और पहचान प्रक्रियाओं की समीक्षा की जाएगी, ताकि इस तरह की कोई पुनरावृत्ति न हो और सुरक्षा को और मजबूत बनाया जा सके।

यह मामला यह दिखाता है कि संवैधानिक लोकतंत्र की रीढ़ मानी जाने वाली वोटर सूची में विदेशी नागरिकों के दस्तावेज़ों के आधार पर शामिल हो जाना कितना संवेदनशील विषय है। इस घटना ने दस्तावेज़ सत्यापन की वर्तमान प्रणाली की सख्ती और उसकी प्रभावशीलता पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं।

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