कर्नाटक में 9 जून 2024 को हुई हत्या के मामले में, जिसमें 33 वर्षीय Renukaswamy को कथित रूप से अपहरण, प्रताड़ना और बाद में उनकी मृत्यु के आरोप हैं, मुख्य आरोपियों में शामिल अभिनेत्री Pavithra Gowda और अभिनेता Darshan Thoogudeepa सहित अन्य के विरुद्ध मामला लंबित है।
इस बीच, Pavithra Gowda ने अब इस मामले में शीर्ष न्यायालय में समीक्षा याचिका दाखिल की है — इस कदम से यह संकेत मिलता है कि वह पिछले आदेशों को चुनौती देना चाहती हैं। (स्रोत: NDTV लिंक)।
पिछले आदेश के अनुसार, उच्च न्यायालय ने 13 दिसंबर 2024 को Pavithra Gowda एवं Darshan को जमानत दी थी, जिसे कर्नाटक सरकार द्वारा चुनौती दी गई। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 14 अगस्त 2025 को उनकी जमानत रद्द कर दी थी और राहत देने वाले हाई कोर्ट के निर्णय को “पक्षपाती” और “अयोग्य” बताया था।
विशेष तौर पर, सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट द्वारा जमानत देते समय आधार‑प्रमाण (forensic, CCTV, कॉल रिकॉर्ड) की पर्याप्त जांच न करने और “खुदरा स्वीकृति” जैसा निर्णय देने पर गहरा ऐतराज जताया था।
अब Pavithra Gowda द्वारा दायर समीक्षा याचिका से यह प्रश्न सामने आ रहा है कि क्या किसी नए तथ्य या प्रक्रिया‑गत दोष के आधार पर सुप्रीम कोर्ट अपना निर्णय पुनर्विचार करेगा।
इस समीक्षा याचिका की सुनवाई के दौरान निम्न‑बिंदुओं पर विशेष ध्यान दिया जा सकता है:
-
क्या हाई कोर्ट का जमानत निर्णय सही तरीके से तर्कसंगत था?
-
क्या राहत देने के बाद आरोपी द्वारा प्रक्रिया को स्थगित करने वाले कदम उठाए गए?
-
क्या अदालत को पुनः सुनवाई करते समय नए साक्ष्यों या तथ्यों को ध्यान में लेना होगा?
-
न्यायपालिका द्वारा जमानत प्रक्रिया में देखा जाने वाला संतुलन — आरोपी की स्वतंत्रता बनाम समाज एवं न्याय की रक्षा।
