भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार और चर्चित गायक पवन सिंह ने आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से खुद को अलग रखने का फैसला किया है। चुनाव लड़ने की चर्चाओं पर विराम लगाते हुए पवन सिंह ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वह न तो किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़े हैं और न ही इस बार चुनावी मैदान में उतरने वाले हैं। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब उनकी निजी जिंदगी को लेकर सोशल मीडिया और न्यूज चैनलों पर काफी चर्चाएं हो रही हैं।
क्या कहा पवन सिंह ने?
पवन सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा:
“मैं अभी किसी भी पार्टी में नहीं हूँ। मैं चुनाव नहीं लड़ रहा हूँ, लेकिन पार्टी का सच्चा सिपाही बना रहूँगा।“
इस बयान से साफ हो गया है कि पवन सिंह इस बार किसी भी सीट से चुनाव नहीं लड़ेंगे। हालांकि, उन्होंने यह भी संकेत दिया कि वे पार्टी और संगठन के साथ जुड़े रहेंगे और आगे भी पार्टी के कार्यों में योगदान देंगे।
क्यों था पवन सिंह का नाम चर्चा में?
हाल के दिनों में पवन सिंह का नाम कई राजनीतिक चर्चाओं में शामिल रहा। यह अफवाह थी कि वे किसी बड़े दल — संभवतः भाजपा (BJP) या राजद (RJD) — से चुनाव लड़ सकते हैं। यहां तक कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया था कि वे अपनी स्टार छवि का फायदा उठाकर किसी सुरक्षित सीट से उम्मीदवार बन सकते हैं।
लेकिन अब उनके ताजा बयान से साफ हो गया है कि वे राजनीति में फिलहाल कोई सक्रिय भूमिका निभाने के मूड में नहीं हैं।
निजी विवादों का असर?
पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह के साथ चल रहे विवाद भी इन दिनों सुर्खियों में हैं। पत्नी ने उन पर घरेलू हिंसा, मानसिक प्रताड़ना और जबरन गर्भपात की कोशिश जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। ऐसे में राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह विवाद पवन सिंह की छवि और राजनीतिक भविष्य को प्रभावित कर सकता है। यही वजह हो सकती है कि उन्होंने चुनाव न लड़ने का फैसला किया।
समर्थकों में मिली–जुली प्रतिक्रिया
पवन सिंह के इस फैसले पर उनके समर्थकों की प्रतिक्रिया दो तरह की रही है। एक तरफ कुछ लोग इस फैसले को सही ठहरा रहे हैं, उनका मानना है कि जब तक निजी जीवन में स्थिरता न हो, तब तक राजनीति में उतरना सही नहीं है। वहीं, कुछ समर्थकों का मानना है कि वे एक मजबूत नेता बन सकते थे और उन्हें चुनाव लड़ना चाहिए था।