अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने थाईलैंड और कंबोडिया के बीच जारी तीन दिवसीय सीमा संघर्ष को समाप्त कराने के लिए सीधी पहल की है। उन्होंने दोनों देशों के प्रमुखों—कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेत और थाईलैंड के कार्यवाहक प्रधानमंत्री फुमथम वेचयाचाई—से बातचीत की और तत्काल युद्धविराम का आग्रह किया।
ट्रम्प ने सोशल मीडिया—Truth Social—पर स्पष्ट किया कि कोई व्यापार समझौता तब तक नहीं होगा जब तक दोनों देश संघर्ष जारी रखेंगे। उन्होंने हाल में घोषित 36% टैरिफ की धमकी दी है जो अगस्त 1 से थाईलैंड और कंबोडिया के अधिकांश निर्यात पर लागू होगा।
ट्रम्प ने इस स्थिति की तुलना भारत और पाकिस्तान के विवाद से की है, जिसे उन्होंने “सफलतापूर्वक रुका हुआ” बताया। यद्यपि इस दावे पर भारत सरकार ने यह कहते हुए असहमति जताई कि उस समय व्यापार को बातचीत का हिस्सा नहीं बनाया गया था।
इस बीच, संघर्ष की चपेट में अब तक कम से कम 30 से अधिक लोग आ चुके हैं—लगभग 33 की मौत और 130,000 से 168,000 लोग विस्थापित हुए हैं। विवाद अब थाईलैंड की Trat प्रांत और कंबोडिया की Pursat प्रांत तक फैल चुका है। अतिॆरिका प्रयासों के अलावा ASEAN अध्यक्ष मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने भी मध्यस्थता का प्रस्ताव रखा है, जिसका कंबोडिया ने समर्थन किया जबकि थाईलैंड ने सैद्धांतिक रूप से सहमति जताई है।
संघर्ष का मूल एक लंबा चली आ रही सीमा विवाद है, जिसमें 1962 में अंतरराष्ट्रीय अदालत द्वारा Preah Vihear मंदिर को कंबोडिया को सौंपे जाने जैसे पुरातात्विक अधिकार शामिल हैं, जो फिर से तनाव का केंद्र बने हुए हैं।