
सीरिया की राजधानी डमास्कस के डुवेला (Dweila) इलाके में रविवार, 22 जून 2025 को एक भीषण आत्मघाती हमला हुआ जिसने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया। मर एलियास नामक ग्रीक ऑर्थोडॉक्स चर्च में यह हमला उस समय हुआ जब चर्च के अंदर बड़ी संख्या में लोग प्रार्थना में शामिल थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, हमलावर पहले चर्च परिसर में घुसा और अंधाधुंध फायरिंग करने के बाद खुद को विस्फोटक से उड़ा लिया।
इस हमले में कम से कम 20 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 50 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। चश्मदीदों के अनुसार, विस्फोट इतना भयानक था कि चर्च की दीवारें हिल गईं और अंदर मौजूद लोगों में अफरातफरी मच गई। मारे गए लोगों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल बताए जा रहे हैं।
सीरियाई अधिकारियों ने पुष्टि की है कि हमलावर की पहचान एक आत्मघाती हमलावर के रूप में हुई है और शुरुआती जांच में इस्लामिक स्टेट (ISIS) के शामिल होने की आशंका जताई जा रही है। यह हमला सीरिया में बशर अल-असद की सरकार के पतन के बाद राजधानी डमास्कस में धार्मिक स्थल पर हुआ अब तक का सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है।
स्थानीय सुरक्षाबलों ने घटनास्थल को घेर लिया है और आसपास के इलाकों में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। वहीं, घायलों को तुरंत अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां कई की हालत गंभीर बनी हुई है।
सीरिया सरकार ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और दोषियों को जल्द पकड़ने का आश्वासन दिया है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय, विशेष रूप से ईसाई संगठनों और मानवाधिकार संस्थाओं ने भी इस आत्मघाती हमले की निंदा करते हुए इसे “धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला” बताया है।
यह हमला एक बार फिर सीरिया में अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। युद्ध से टूट चुके इस देश में धार्मिक स्थलों पर ऐसे हमले, शांति की उम्मीदों को और कमजोर कर रहे हैं।