
नई सरकारी नीतियों के चलते कर्मचारी भविष्य निधि (PF) से आसान और त्वरित निकासी की सुविधा पर बहस तेज़ हो गई है, जिससे निजी क्षेत्र के कर्मचारियों की रिटायरमेंट सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। Aaj Tak की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार PF निकासी को एटीएम और UPI के माध्यम से सीधे खाते से निकालने की व्यवस्था ला रही है, जिससे कर्मचारियों को आवश्यकता पड़ने पर अपने PF फंड तक तुरंत पहुंच मिलने लगेगी। यह सुविधा मार्च 2026 तक लागू होने की संभावना मानी जा रही है, जिससे अब PF को “बैंक बैलेंस” की तरह इस्तेमाल किया जा सकेगा।
आज भारत में लाखों पीएफ सदस्य हैं और PF को पारंपरिक रूप से एक दीर्घकालीन बचत और रिटायरमेंट सिक्योरिटी के रूप में देखा जाता रहा है। हर महीने कर्मचारी और नियोक्ता दोनों PF खाते में योगदान करते हैं, जिससे समय के साथ एक बड़ा कोष बनता है जो भविष्य में पेंशन और वित्तीय सुरक्षा के रूप में काम आता है। लेकिन अगर निकासी प्रक्रिया अब इतनी सरल हो जाती है कि कर्मचारी घर खरीदना, बच्चों की शादी, इलाज या रोज़मर्रा खर्चों के लिए PF पैसे निकालने लगें, तो यह बचत धीरे-धीरे समाप्त हो सकती है और रिटायरमेंट के समय के लिए पर्याप्त राशि न बच पाए।
विशेष रूप से मध्यम वर्गीय परिवार जहां PF अकाउंट को आपात स्थिति का सहारा माना जाता रहा है, वे अब PF को एक सामान्य खर्च के स्रोत के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे PF की मूल विशेषता — यानी लंबी अवधि की बचत — कमजोर पड़ सकती है। अगर कर्मचारी हर छोटी-मोटी जरूरत के लिए PF फंड निकालते रहते हैं, तो उनकी रिटायरमेंट तबाह हो सकती है, खासकर उन लोगों के लिए जो निजी क्षेत्र में काम करते हैं और पेंशन सुरक्षा की परंपरागत व्यवस्था का हिस्सा नहीं हैं।
सरकार की ओर से इस कदम को PF की डिजिटल रूप से सुलभता और पारदर्शिता बढ़ाने के रूप में देखा जा रहा है। EPFO के सुधारों के तहत PF निकासी और क्लेम की प्रक्रिया को सरल बनाने की दिशा में कई कदम उठाए जा रहे हैं, जैसे UPI/ATM आधारित निकासी और न्यूनतम दस्तावेज़ीकरण की आवश्यकता में कमी, ताकि कर्मचारियों को जल्द से जल्द पेंशन/निकासी सुविधा मिल सके।
हालाँकि, वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की व्यापक निकासी सुविधा बचत की आदत को प्रभावित कर सकती है और लोग PF को महज एक तरल स्रोत के रूप में देखने लगेंगे न कि दीर्घकालिक निवेश के रूप में। इससे PF का बड़ा हिस्सा पहले ही निकाला जा सकता है, जिससे रिटायरमेंट की स्थिति में आर्थिक सुरक्षा कमजोर रहेगी।
विश्लेषकों का यह भी कहना है कि PF को सुरक्षित रखने के लिए कर्मचारियों को सशक्त वित्तीय शिक्षा और दीर्घकालिक योजना बनानी चाहिए, ताकि वे रिटायरमेंट के समय पर्याप्त कोष के साथ सुनिश्चित जीवन जी सकें। PF के पैसे का सतर्क उपयोग आवश्यक है, क्योंकि यह केवल आज की ज़रूरत ही नहीं बल्कि भविष्य की पेंशन और आपात स्थिति में सहारा भी होता है।



