
भारत द्वारा दवाओं और फार्मा उत्पादों के व्यापार को रोकने के बाद पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है। भारतीय दवाओं पर अत्यधिक निर्भरता के चलते पाकिस्तान की सरकार ने इमरजेंसी कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।
पाकिस्तान सरकार ने अस्पतालों, फार्मा कंपनियों और दवा वितरकों को आवश्यक दवाओं और चिकित्सा उपकरणों का स्टॉक बनाने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही स्वास्थ्य मंत्रालय ने फार्मास्युटिकल कंपनियों से अपने उत्पादन में तेजी लाने और आवश्यक दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने को कहा है।
बताया जा रहा है कि पाकिस्तान में कैंसर, हृदय रोग, मधुमेह और संक्रमण जैसी गंभीर बीमारियों की दवाओं का बड़ा हिस्सा भारत से आता था। भारत के व्यापार रोकने के फैसले से इन दवाओं की उपलब्धता पर गंभीर संकट मंडरा रहा है।
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार ने वैकल्पिक स्रोतों से दवाएं मंगवाने के प्रयास भी तेज कर दिए हैं। इसके लिए चीन, तुर्की और कुछ अन्य देशों से आपातकालीन आपूर्ति के लिए बातचीत शुरू की गई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि जल्द ही समाधान नहीं निकला तो पाकिस्तान को बड़े पैमाने पर दवाओं की कमी और स्वास्थ्य सेवाओं पर भारी दबाव का सामना करना पड़ सकता है।
फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री को सप्लाई चेन बाधित होने का डर सता रहा है।
पाकिस्तान स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि, “पाकिस्तान की फार्मा इंडस्ट्री कच्चे माल और तैयार दवाओं के लिए भारत पर काफी निर्भर रही है। भारत द्वारा व्यापार रोके जाने से सप्लाई चेन बुरी तरह प्रभावित हो सकती है, जिससे देश में कई महत्वपूर्ण दवाओं की भारी कमी हो सकती है।”